हरतालिका तीज व्रत (Hartalika Teej Vrat 2021) भाद्रपद मास की शुक्ल पक्ष तृतीया को मनाया जाता है। सुखी वैवाहिक जीवन और संतान प्राप्ति के लिए महिलाएं तीज का व्रत रखती हैं। इस दिन महिलाएं भगवान शिव व माता पार्वती की रेत के द्वारा बनाई गई अस्थाई मूर्तियों को पूजती हैं।

इस त्योहार को उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल और बिहार में सबसे अधिक मनाया जाता है। कहते हैं कि तीज करवाचौथ से भी कठिन व्रत है। क्योंकि करवाचौथ में चांद को देखने के बाद पानी पी लेते हैं लेकिन तीज में ऐसा नहीं होता है। पूजा अर्चना करने के बाद अगले दिन सुबह ही पानी पी सकते हैं। पूरा दिन निर्जला ही रहा जाता है। इस व्रत से जुड़ी एक मान्यता यह है कि इस व्रत को करने वाली स्त्रियां पार्वती जी के समान ही सुखपूर्वक पतिरमण करके शिवलोक को जाती हैं।

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तीज का व्रत करने वाली महिलाएं सूर्योदय से पूर्व ही उठ जाती है और नहा धोकर पूरा श्रृंगार करती हैं। पूजन के लिए केले के पत्तों से मंडप बनाकर गौरी-शंकर की प्रतिमा स्थापित की जाती है। पूजन के साथ पार्वती माता को 16 श्रृंगार का पूरा सामाना चढ़ाया जाता है। रात में भजन, कीर्तन करते हुए जागरण कर तीन बार आरती की जाती है और शिव पार्वती विवाह की कथा सुनी जाती है।

विवाहित स्त्रियां अपने सुहाग की लबी उम्र के लिए और अविवाहित युवतियां मन मुताबिक वर पाने के लिए हरतालिका तीज  (Hartalika Teej) का व्रत करती हैं। सर्वप्रथम इस व्रत को माता पार्वती ने भगवान शिव शंकर के लिए रखा था। इस दिन विशेष रूप से गौरी−शंकर का ही पूजन किया जाता है।

शुभ मुहूर्त

हरितालिका तीज बृहस्पतिवार, सितम्बर 9, 2021 को
प्रातःकाल हरितालिका पूजा मुहूर्त – 06:03 ए एम से 08:33 ए एम
तृतीया तिथि प्रारम्भ – सितम्बर 09, 2021 को 02:33 ए एम बजे
तृतीया तिथि समाप्त – सितम्बर 10, 2021 को 12:18 ए एम बजे

हरतालिका तीज का महत्व

भगवान शिव और पार्वती के पुर्नमिलाप के उपलक्ष्य में मनाए जाने वाले इस त्योहार को लेकर मान्यता है कि मां पार्वती ने भगवान शंकर को पति के रूप में पाने के लिए 107 जन्म लिए थे। अंततः मां पार्वती के कठोर तप और उनके 108वें जन्म में भगवान ने पार्वती जी को अपनी पत्नी के रूप में स्वीकार किया। तभी से ऐसी मान्यता है कि इस व्रत को करने से मां पार्वती प्रसन्न होकर व्रत रखने वाली महिलाओं के पतियों को दीर्घायु होने का आशीर्वाद देती हैं। सावन माह में चारों तरफ हरियाली होने के कारण इस तीज को हरियाली तीज के नाम से जाना जाता है। इस मौके पर महिलाएं झूला झूलती हैं, गाती हैं और खुशियां मनाती हैं।

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