उच्चतम न्यायालय ने पेगासस जासूसी मामले की स्वतंत्र जांच के अनुरोध वाली विभिन्न याचिकाओं पर सोमवार को सुनवाई की। पेगासस मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट में पेश किए गए अपने दो पन्नों के हलफनामे में केंद्र ने याचिकाकर्ताओं की ओर सरकार के खिलाफ लगाए गए सभी आरोपों से इनकार कर दिया है। केंद्र सरकार की ओर से साफ कहा गया कि पत्रकारों, राजनेताओं, कर्मचारियों पर जासूसी करने के लिए स्पाइवेयर का इस्तेमाल किए जाने संबंधी आरोपों वाली याचिकाएं अनुमानों पर आधारित हैं, आरोपों में कोई दम नहीं है फिर भी कुछ निजी स्वार्थों की वजह फैलाए गए गलत तथ्यों को दूर करने के लिए एक टीम को गठित किया जाएगा।


केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट के समक्ष हलफनामा दायर किया कि वह कथित पेगासस के मुद्दे की जांच के लिए विशेषज्ञों की एक समिति का गठन करेगा। प्रीम कोर्ट ने ट्रिब्यूनल में नियुक्तियों के लिए केंद्र को 10 दिन का समय दिया है।

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गौरतलब है कि एक अंतरराष्ट्रीय मीडिया संघ ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि 300 से अधिक सत्यापित भारतीय मोबाइल फोन नंबरों को इजराइल के पेगासस स्पाइवेयर के जरिए निगरानी के लिए संभावित लक्ष्यों की सूची में रखा गया।


क्या है पेगासस
पेगासस एक स्पाइवेयर सॉफ्टवेयर है, जो मोबाइल और कंप्यूटर से गोपनीय और व्यक्तिगत जानकारियां निकाल लेता है और उसे हैकर्स तक पहुंचाता है। यह सॉफ्टवेयर आपके फोन में फोन में एक मैसेज या मिस्डकॉल से एक्टिवेट हो जाता है। इसके जरिए आपके फोन की जासूसी करता है। इरायली कंपनी एनएसओ ग्रुप का दावा है कि वह इसे दुनिया भर की सरकारों को ही मुहैया कराती है। इससे आईओएस या एंड्रॉइड ऑपरेटिंग सिस्टम चलाने वाले फोन को हैक किया जा सकता है. फिर यह फोन का डेटा, ई-मेल, कैमरा, कॉल रेकॉर्ड और फोटो समेत हर एक्टिविटी को ट्रेस करता है।


क्या कहता है भारत का कानून ?

भारत में इंडियन टेलिग्राफ एक्ट, 1885 के सेक्शन 5(2) के मुताबिक, केंद्र और राज्य सरकारों के पास सिर्फ फोन टैपिंग कराने का अधिकार है। अगर किसी सरकारी विभाग जैसे पुलिस या आयकर विभाग को लगता है कि किसी हालत में कानून का उल्लंघन हो रहा है, तो वह फोन टैपिंग करा सकती है। आईटी एक्ट के तहत, मोबाइल या कंप्यूटर में किसी वायरस और सॉफ्टवेयर के तहत सूचना लेना गैरकानूनी है। यह हैकिंग की श्रेणी में आता है, जो अपराध है। आईटी मंत्रालय ने अपनी सफाई में कहा कि सरकार अपने सभी नागरिकों को मौलिक अधिकार के रूप में निजता के अधिकार को सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है।

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