Ministry of Education ने JNU & BHU के कुलपति पद के लिए निकाला विज्ञापन

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Ministry of Education ने दिल्ली के जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी (जेएनयू) और वाराणसी के बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी (बीएचयू) के कुलपति पद के लिए विज्ञापन निकाला है। जेएनयू में इस समय कुलपति के पद पर प्रो. एम जगदीश कुमार और बीएचयू में कार्यवाहक कुलपति के पद पर प्रो. विजय कुमार शुक्ला की नियुक्ति है।

जेएनयू में वर्तमान कुलपति एम जगदीश कुमार का कार्यकाल 26 जनवरी 2021 को ही समाप्त हो गया था लेकिन चूंकि नये कुलपति का चयन नहीं हो सका था। इसलिए मानव संसाधन मंत्रालय ने उन्हें नये कुलपति की नियुक्ति होने तक सेवा विस्तार दिया है।

वहीं बीएचयू की बात करें तो वहां के कुलपति प्रो. राकेश भटनागर इसी साल 28 मार्च को सेवानिवृत हो गये थे। जिसके बाद से मानव संसाधन मंत्रालय ने प्रो. विजय कुमार शुक्ला को कार्यवाहक कुलपति के तौर पर नियुक्त किया था।

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जेएनयू के कुलपति प्रो. एम जगदीश कुमार की बात करें तो आईआईटी दिल्ली में प्रोफेसर के पद पर नियुक्त थे। कुलपति पद पर नियुक्ति के बाद से विवादों में चल रहे प्रो. एम जगदीश कुमार जेएनयू के इतिहास में सबसे विवादास्पद कुलपतियों में शुमार किये जाएंगे। चाहे छात्रसंघ के साथ टकराव का मामला रहा हो या फिर शिक्षक संघ के साथ प्रो. एम जगदीश कुमार सभी विवादों के केंद्र में रहे।

प्रोफेसर एम जगदीश कुमार का रहा है विवादों से नाता

कुलपति का कार्यकाल विवादों वाला रहा है। उनकी नियुक्ति के बाद साल 2016 में अफजल गुरू की फांसी की दूसरी बरसी पर कुछ छात्रों के द्वारा Country Without Post Office के नाम से एक विवादास्पद कार्यक्रम आयोजित किया गया था। जिसमें छात्रसंघ के तत्कालीन अध्यक्ष कन्हैया कुमार, उमर खालिद, रामा नागा, अनिर्बान और अनंत प्रकाश सहित अन्य छात्रों पर आरोप लगा था।

इस मामले में कुलपति ने सभी कथित आरोपी छात्रों को निलंबित कर दिया था। जिसके बाद से छात्र और कुलपति जगदीश कुमार आमने सामने आ गये थे। उसके बाद साल 2017 में जेएनयू का छात्र नजीब अहमद रहस्यमय परिस्थितियों में लापता हो गया था। नजीब का आज तक कुछ नहीं पता चला। आरोप लगा कि कथित तौर पर एबीवीपी के छात्रों के झगड़े के बाद नजीब गायब हो गया। इस मामले में भी कुलपति जगदीश कुमार की भूमिका विवादों में रही।

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उसके बाद साल 2019 में प्रो. एम जगदीश कुमार ने छात्रों के हॉस्टल की फीस और मेस के बिल में कई गुना का इजाफा कर दिया था. जिसके बाद छात्र आंदोलित हो गये थे। जिसके बाद छात्रों और सुरक्षाबलों के बीच हिंसक झड़पें भी हुई थीं।

इस घटना के कुछ ही महीने के बाद यानी जनवरी 2020 में जेएनयू परिसर में कथिततौर पर लेफ्ट और एबीवीपी छात्रों के बीच हिंसक झड़प हुई। जिसमें छात्रसंघ अध्यक्ष आइसी घोष सहित कई छात्र घायल हुए थे। इस मामले में कुलपति जगदीश कुमार पर आरोप लगा कि उन्होंने पुलिस को कैंपस में आने की इजाजत देने में देरी की।

वहीं बीएचयू के पूर्व कुलपति प्रो. राकेश भटनागर का भी विवादों से नाता रहा। दरअसल बीएचयू विवादों का अखाड़ा उसे पूर्व के कुलपति प्रो. जीसी त्रिपाठी के समय से ही बन गया था। प्रो. जीसी त्रिपाठी की विदाई के बाद जेएनयू में स्कूल ऑफ बायोटेक्नॉलजी के डीन प्रो. राकेश भटनागर को बीएचयू का कुलपति बनाया गया।

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