बेगूसराय में तीन अपराधियों की भीड़ के हाथों हुई पिटाई से हुई मौत के मामले में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने राज्य के मुख्य सचिव और डीजीपी को नोटिस भेजा है। आयोग ने सरकार कार्रवाई कर 6 हफ्ते में रिपोर्ट मांगी है। आयोग ने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा है कि कानून अपने हाथ में लेने का अधिकार किसी को नहीं है।

दरअसल, बेगूसराय जिले के छौड़ाही थाना क्षेत्र के नारायण पीपर गांव में ग्रामीणों ने बीते शुक्रवार (7 सितंबर) को तीन अपराधियों की जम कर पिटाई की थी। जिससे एक की मौत घटनास्स्थल पर ही हो गयी थी़ जबकि, दो अन्य अपराधियों की मौत इलाज के दौरान अस्पताल में हुई थी। बताया गया था कि अपराधी छात्रा का अगवा करने पहुंचे थे। लेकिन, अपराधी ग्रामीणों के हाथ पकड़े गये और उनकी जम कर पिटाई की गयी। ग्रामीणों ने अपराधियों को लाठी और डंडों से पीटा था। जिससे तीनों अपराधियों की मौत हो गयी। वहीं, ग्रामीणों का कहना है कि अपराधी हथियार लेकर बच्ची को अगवा करने आये थे। लेकिन समय रहते उसे पकड़ लिया गया।

इस बीच पुलिस इस मामले में अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं कर पाई है। बेगूसराय के पुलिस अधीक्षक आदित्य कुमार ने थाना प्रभारी सिंटू झा को निलंबित कर  दिया  है। उनका दावा है कि जांच चल रही है और जल्दी ही नतीजे सामने आएंगे। इससे पहले एडीजी ( मुख्यालय )एस के सिंघल ने यह कह कर विवाद खड़ा कर दिया था कि बेगूसराय की घटना मॉब लिंचिंग नहीं है।  लोगों ने सेल्फ डिफेंस में ये कदम उठाया है। साथ ही उन्होंने कहा है कि मारे गये लोगों का लंबा अपराधिक इतिहास रहा है ।

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