ILRF के मंच से बोले NHRC चेयरपर्सन जस्टिस अरुण मिश्रा , ” मानवाधिकार के मामले में हम अव्वल लेकिन बच्चों और महिलाओं के हकों का रखा जाए ध्यान”

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इंडिया लीगल रिसर्च फाउंडेशन द्वारा बुधवार को एक सिम्पोजियम का आयोजन किया गया। इस सिम्पोजियम में मुख्य अतिथि के तौर पर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष जस्टिस अरुण कुमार मिश्रा को आमंत्रित किया गया था। इस सिम्पोजियम में एपीएन न्यूज की एडिटर इन चीफ राजश्री राय ने जस्टिस मिश्रा से सिलसिलेवार प्रश्न किए। जिसके उत्तर जस्टिस मिश्रा ने विस्तार से दिए।

सिम्पोजियम में जस्टिस मिश्रा ने कहा कि बाल अपराध पर कानून सख्त बनाए जाने की जरूरत है। साथ ही ट्रांसजेंडरों के हितों की रक्षा भी होनी चाहिए। एनएचआरसी चेयरपर्सन ने कहा कि पॉस्को और IT एक्ट में संशोधन किए जाने की जरूरत है। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि चाइल्ड पोर्नोग्राफी नहीं बल्कि चाइल्ड क्राइम है। साथ ही इंटरनेट की दुनिया में होने वाली चाइल्ड बुलिंग भी रुकनी चाहिए।

वहीं बातचीत के दौरान जस्टिस मिश्रा ने कहा कि मानसिक रोगियों के अस्पताल अपग्रेड किए जाने की आवश्यकता है। हाल ही में उत्तरकाशी सुरंग में मजदूरों के मामले पर टिप्पणी करते हुए जस्टिस मिश्रा ने कहा कि मजदूरों के अधिकारों को लेकर आयोग सचेत है। उन्होंने बताया कि साइबर क्राइम पर रोक लगाने के लिए अंतरराष्ट्रीय पहल की जा रही है।

उन्होंने साफ किया कि मानवाधिकारों के मामले में भारत अव्वल है। आयोग की शक्तियों पर जस्टिस मिश्रा ने कहा कि NHRC को ज्यादा शक्ति की जरूरत नहीं है और आयोग के 90 फीसदी निर्देशों का अनुपालन होता है। हालांकि राज्य कमीशन में कहीं कहीं स्टाफ की कमियां हैं। बातचीत में सुप्रीम कोर्ट के आदेश का जिक्र करते हुए जस्टिस मिश्रा ने बताया कि राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग चुनावी हिंसा पर स्वत: संज्ञान ले सकता है।

चुनाव के दौरान मुफ्त वादों पर जस्टिस मिश्रा ने कहा कि ऐसे वादों पर खुद राजनीतिक दलों को सोचना चाहिए। एनएचआरसी चेयरपर्सन ने कहा कि प्लास्टिक प्रदूषण पर लगाम की जरूरत है। प्रदूषण नियंत्रण में नई तकनीक का इस्तेमाल किए जाने की जरूरत है।

जब जस्टिस मिश्रा से पूछा गया कि कौन सी बात आपको सबसे अधिक विचलित करती है तो उन्होंने कहा कि महिलाओं पर होने वाले अत्याचार परेशान करते हैं। इसके अलावा बाल अत्याचार को लेकर भी बहुत चिंता होती है। उन्होंने कहा कि आज इस बात की आवश्यकता है कि पुलिस टॉर्चर पर रोक लगनी चाहिए और महिलों का हक संरक्षित होना चाहिए। उन्होंने मीडिया की भूमिका की भी प्रशंसा की।

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