प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले साल 8 नवंबर 2016 को नोटबंदी की घोषणा की थी, जिसके बाद इसको लेकर सड़क से लेकर संसद तक हंगामा हुआ। विपक्ष पार्टियों ने जमकर नोटबंदी का विरोध किया। हालांकि मोदी के इस फैसले को जनता का समर्थन मिला। इस फैसले से भले ही कुछ महीनों तक कारोबार पर असर भी देखने को मिला है। लेकिन मध्य अवधि में यह भारत के लिए फायदेमंद साबित होगा। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने कहा कि कुछ दिनों बाद इससे मिलने वाले लाभ लंबे समय तक बने रहेंगे।

एक समाचार एजेंसी के अनुसार अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ ) के विलियम मरे ने एक प्रेस कॉंफ्रेंस में कहा कि, ‘‘हमें लगता है कि एक साल पहले हुई नोटबंदी के शानदार लाभ होंगे। नोटबंदी के इन फायदों का असर लंबे समय बने रहने की उम्मीद है।  ’’

मरे ने कि कहा कि नोटबंदी ने डिजीटल भुगतान को बढ़ावा दिया है। इसने बैंकिंग प्रणामी को मजबूत करने का काम किया है। इससे आने मध्य अवधि में बेहतर परिणाम हो सकते हैं।  बता दें कि आईएमएफ जनवरी में भारत के साथ दुनिया के अन्य देशों की विकास दर को लेकर अपना अनुमान जारी करेगा।

मरे ने ये भी कहा कि नोटबंदी की वजह से भले ही शुरुआती समय में कारोबारियों को और आम आदमी को काफी परेशानी झेलनी पड़ी। इस दौरान लोगों को नगदी की किल्लत से जूझना पड़ा। वहीं, कारोबारियों को भी अपना कारोबार करने में दिक्कतों का सामना करना पड़ा। मरे ने कहा कि ये सभी प्रभाव कुछ समय के लिए ही रहेंगे और इनके खत्म होते ही नोटबंदी के फायदे सामने आना शुरू हो जाएंगे।

आईएमएफ ने ही अप्रैल में साल 2017 के लिए भारत के ग्रोथ रेट अनुमान में 0.4 फीसदी की कटौती करते हुए इसे 7.2 फीसदी कर दिया है। आईएमएफ ने इसके लिए नोटबंदी को जिम्मेदार ठहराया था।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here