इस्लामिक देश फ्रांस के खिलाफ हैं। फ्रांस में बनने वाले प्रोडक्ट के बहिष्कार की मांग कर रहे हैं लेकिन भारत सबसे हटकर फ्रांस के साथ खड़ा है। सोशल मीडिया से लेकर राजनीति में सभी भारतीय फ्रांस का साथ दे रहे हैं।
भारत ने फ्रांस को खुला समर्थन देते हुए मैक्रों के खिलाफ पर्सनल अटैक को अंतरराष्ट्रीय विमर्श के सबसे बुनियादी मानकों का उल्लंघन बताया।
ट्विटर पर ट्रेंड कर रहा है #India Stands With France भारत से मिले समर्थन पर फ्रांस ने भी आभार जताते हुए कहा कि दोनों देश आतंकवाद की लड़ाई में एक-दूसरे पर भरोसा कर सकते हैं।
गौरतलब है मैक्रों इस्लामी चरमपंथ पर कड़े रुख और पैगंबर मोहम्मद के कार्टूनों का बचाव करने को लेकर मुस्लिम बहुल देशों की आलोचना का सामना कर रहे हैं। ईरान की मीडिया में मैक्रों को राक्षस के रूप में दिखाया गया। उनके भी कार्टून यहां छापे गए हैं जिनमें उनके लंबे कान हैं, पीली आंखें हैं और नुकीले दांत। ईरान के वतन एमरोज में कहा गया है कि मैक्रों ने दुनियाभर के मुस्लिमों को नाराज कर दिया है।
भारीतय विदेश मंत्रालयल ने फ्रांस का समर्थन करते हुए एक बयान जारी किया है, मंत्रालय ने बयान में कहा, ‘हम बर्बर आतंकवादी हमले में फ्रांस के एक शिक्षक की निर्ममता से हत्या किए जाने की भी निंदा करते हैं, जिसने पूरे विश्व को स्तब्ध कर दिया। हम उनके परिवार और फ्रांस के लोगों के प्रति संवेदना प्रकट करते हैं।’ विदेश मंत्रालय के बयान के बाद भारत में फ्रांस के राजदूत इम्मैन्युअल लिनेन ने ट्वीट कर भारत का आभार जताया और कहा कि दोनों देश आतंकवाद के खिलाफ जंग में एक-दूसरे का सहयोग कर सकते हैं।
विदेश मंत्रालय ने कड़े शब्दों में जारी एक बयान में बर्बर आतंकवादी हमले की भी निंदा की, जिसमें फ्रांस के एक शिक्षक की बेरहमी से हत्या कर दी गई थी। मंत्रालय ने कहा कि आतंकवाद को किसी भी वजह से और किसी भी परिस्थिति में सही नहीं ठहराया जा सकता। बयान में कहा गया है, ‘हम राष्ट्रपति इम्मैन्युअल मैक्रों पर अस्वीकार्य भाषा में किए गए व्यक्तिगत हमलों की कड़ी निंदा करते हैं। यह अंतरराष्ट्रीय विमर्श के सबसे बुनियादी मानकों का उल्लंघन है।’
पेरिस में 16 अक्टूबर को एक फ्रांसीसी शिक्षक की सबके सामने हत्या कर दी थी। हत्यारे ने शिक्षक का सर धड़ से अलग कर दिया था। जो अपने छात्रों को पैगंबर मोहम्मद का कार्टून दिखा रहे थे। इस घटना से फ्रांस के लोगों में रोष का माहौल है।