भारत ने दुनिया भर के अत्याधुनिक तथा दिग्गज ड्रोनों की क्षमता और ताकत परखने के लिए उन्हें घरेलु ड्रोनों के साथ ‘ड्रोन ओलंपिक’ में हिस्सा लेने की चुनौती दी है। ड्रोन ओलंपिक बेंगलुरू के येलहंका वायु सेना स्टेशन में आगामी फरवरी में एयरो इंडिया शो के दौरान 21 फरवरी को आयोजित किया जायेगा जिसमें ड्रोन बनाने वाली दुनिया की कोई भी कंपनी अपने शक्तिशाली तथा अत्याधुनिक ड्रोनों के साथ भारतीय ड्रोनों को टक्कर दे सकती है।

रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने ड्रोन ओलंपिक में पंजीकरण करने के लिए आज यहां एक वेबसाइट लांच की। एयर इंडिया.गोव.इन/ड्रोन नाम की इस बेबसाइट पर पंजीकरण करने की अंतिम तिथि आगामी 26 जनवरी है। इसके माध्यम से ‘ड्रोन खिलाडी’ प्रतियोगिता में शामिल होने के लिए आवेदन कर सकते हैं।

रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता कर्नल अमन आनंद ने बताया कि देश में पहली बार ड्रोन ओलंपिक का आयोजन किया जा रहा है। ओलंपिक में दो श्रेणी के ड्रोन हिस्सा लें सकेंगे , पहली श्रेणी में 4 किलोग्राम वजन के और दूसरी में इससे ज्यादा वजन के ड्रोन हिस्सा ले सकेंगे। प्रतियोगिता तीन श्रेणी में होगी जिनमें ड्रोन की निगरानी और टोही क्षमता, सामान आपूर्ति क्षमता और उडान के समय विभिन्न आकारों में प्रदर्शन करने की क्षमता को लेकर मुकाबला होगा। प्रत्येक मुकाबले में तीन पहले विजेताओं को पदक और कुल 38 लाख रूपये के ईनाम दिये जायेंगे।

उन्होंने कहा कि इस आयोजन का मुख्य उद्देश्य देश में ड्रोन उद्योग को बढावा देना तथा अत्याधुनिक ड्रोनों की क्षमता का आंकलन करना है। इससे भारतीय ड्रोन कंपनियों को अपनी क्षमता का अंदाजा तो लगेगा ही उन्हें अंतर्राष्ट्रीय दिग्गज कंपनियों के साथ मुकाबला कर अपनी क्षमता और ताकत बढाने तथा इसमें सुधार का मौका भी मिलेगा।

दुनिया भर में ड्रोन बाजार में तेजी से बढोतरी हो रही है और रक्षा क्षेत्र में इनका इस्तेमाल दिनों दिन बढ रहा है। सेनाएं ड्रोनों की मदद से खुफिया जानकारी जुटाने के साथ साथ इनका इस्तेमाल टोही मिशन तथा निगरानी के लिए कर रही हैं। इलैक्ट्रानिक वारफेयर के साथ स्ट्राइक मिशन के लिए भी ड्रोनों को भेजा जा रहा है।

-साभार, ईएनसी टाईम्स

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