क्यों मनाया जाता है विश्व बाघ दिवस

हर साल 29 जुलाई को इंटरनेशनल टाइगर डे मनाया जाता है

बाघों के संरक्षण और उनकी विलुप्त हो रहीं प्रजातियों को बचाने के लिए इस दिन को मानाया जाता है.

इस दिन को मनाने की शुरुआत 2010 में हुई थी.

टाइगर भारत का राष्ट्रीय पशु है.

2017 से पहले मध्यप्रदेश और उत्तराखंड में सबसे ज़्यादा बाघ पाए जाते थे.

बाघों को "बड़ी बिल्लियों" में से एक माना जाता है. शेर, चीता, जगुआर और कौगर भी इस समूह का हिस्सा हैं.

बाघ एक बार में औसतन 88 पाउंड यानी लगभग 40 किलो मांस खा सकते हैं.

भारत में बाघ को देवी दुर्गा के साथ जोड़ा गया है।

20 वीं सदी के अंत में भारत में बाघों की आबादी 20,000 से 40,000 तक थी.

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