ISKCON:क्या है इस्कॉन का इतिहास? जिसके मंदिरों पर बांग्लादेश में हुए हैं हमले

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बांग्लादेश में ISKCON मंदिर पर हमला (फोटो- @iskcon)

ISKCON: भारत के पड़ोसी देश बांग्लादेश में ISKCON मंदिर पर हमले हुए हैं। इस्कॉन की तरफ से ट्वीट कर कहा गया है कि बांग्लादेश के नोआखाली में इस्कॉन मंदिर और श्रद्धालुओं पर भीड़ ने हिंसक हमला किया है। इस हमले में मंदिर को काफी नुकसान पुहंचा है और कई श्रद्धालुओं की हालत गंभीर बनी हुई है।

क्या है इस्कॉन?

अंतर्राष्ट्रीय कृष्ण भावनामृत संघ या इस्कॉन जिसे अंग्रेजी में International Society for Krishna Consciousness भी कहा जाता है। इनका मं‍त्र ‘हरे रामा-हरे रामा, राम-राम हरे हरे, हरे कृष्ण-हरे कृष्ण, कृष्ण-कृष्ण हरे हरे’। दुनियाभार में यह मंत्र जपते-गाते हुए कई देशी और विदेशी लोग आपको न्यूयॉर्क, लंदन, बर्लिन, मास्को, मथुरा, वृंदावन की सड़कों पर मिल जाएंगे।

किसने और कब की स्थापना?

इसकी शुरुआत श्रीमूर्ति श्री अभयचरणारविन्द भक्तिवेदांत स्वामी प्रभुपादजी ने की थी। 1966 में न्यूर्आक सिटी से इसकी शुरुआत हुई थी। उनका निधन 1977 में वृंदावन में हुआ था। बताते चलें कि वृंदावन में ही दुनिया का सबसे सुंदर इस्कॉन मंदिर भी है।

हमले के बाद सोशल मीडिया में लोगों ने निकाला गुस्सा

बांग्लादेश में ISKCON मंदिर पर हुए हमले के बाद से सोशल मीडिया में लोगों का गुस्सा देखने को मिल रहा है। बीजेपी नेता कपिल मिश्रा ने ट्वीट किया है कि ISKCON पर हमला हुआ तो कोई भी अन्य हिन्दू संगठन, धर्माचार्य, गुरु, महागुरु सामने नहीं आ रहा याद रखो ISKCON पर ISKCON होने के कारण नहीं हिन्दू होने के कारण हमला हुआ हैं।बंगलादेश हो, बंगाल, दिल्ली या कश्मीर। जो मरता है उसके साथ कोई नहीं आता। सब अपनी बारी का इंतजार कर रहे हैं।

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