केंद्र सरकार ने स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (सिमी) पर लगे बैन को 5 और साल के लिए प्रतिबंध बढ़ा दिया है। गृह मंत्रालय की ओर से जारी अधिसूचना के अनुसार, अगर केंद्र सरकार सिमी की गैरकानूनी गतिविधियों पर रोक नहीं लगाई गई तो यह अपनी खतरनाक गतिविधियों को जारी रखेगा साथ ही अपने फरार साथियों को फिर से संगठित कर देश विरोधी भावनाओं के भड़काने का धर्मनिरपेक्ष ढांचे को नुकसान पहुंचाएगा। बता दें कि सिमी पर कई आतंकवादी गतिविधियों में शामिल होने का आरोप है।

गृह मंत्रालय ने 58 केसों की सूची बनाई थी जिसमें सिमी के सदस्य कथित रूप से शामिल थे। मंत्रालय ने यह भी कहा कि संगठन लोगों के मन में सांप्रदायिक नफरत फैला रहा है, जिससे देश की सुरक्षा को खतरा हो सकता है। 2014 में बेंगलुरु के चिन्नास्वामी स्टेडियम, 2017 में गया में हुए धमाके और 2014 में भोपाल जेल तोड़ने में सिमी के सदस्यों का हाथ बताया गया था।

जांचकर्ताओं के मुताबिक- मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, दिल्ली, तमिलनाडु, तेलंगाना और केरल पुलिस ने सिमी नेताओं सफदर नागौरी, अबु फैसल समेत अन्य दोषियों के डिटेल दिए थे। सिमी सदस्यों पर बैंक डकैती, पुलिसकर्मियों की हत्या, धमाकों जैसे कई आरोप थे। 25 अप्रैल 1977 को उत्तरप्रदेश के अलीगढ़ में सिमी की स्थापना हुई थी। संगठन पर आरोप है वह भारत को इस्लामिक राज्य में बदलने के एजेंडे पर काम कर रहा है।

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