भारत के जाने माने उद्योगपति और टाटा ग्रुप के फाउंडर जमशेदजी टाटा दुनिया के सबसे बड़े दानवीर बन गए हैं। उन्हें भारत का ही नहीं बल्कि दुनिया के सबसे बड़े परोपकारी कहा जाता है। 100 साल में दान करने के मामले में उनके जैसा कोई परोपकारी दुनिया में नहीं हुआ है। दान के मामले में वह बिल एवं मेलिंडा गेट्स से भी आगे हैं।
हुरुन (Hurun) रिपोर्ट और एडेलगिव फाउंडेशन द्वारा तैयार शीर्ष 50 दानदाताओं की सूची में भारत के दिग्गज उद्योगपति जमशेदजी टाटा एक सदी में 102 अरब अमेरिकी डॉलर (मौजूदा मूल्य के हिसाब से करीब 7.57 लाख करोड़ रुपये) दान देकर दुनिया के सबसे बड़े परोपकारी के रूप में सामने आए हैं।
जमशेद टाटा के आगे बिल गेट्स और उनकी पत्नी भी नहीं टिक पाईं जिन्होंने 74.6 अरब डॉलर दान किए हैं। इसके अलावा इस सूची में निवेशक वॉरेन बफे (37.4 अरब डॉलर), जॉर्ज सोरोस (34.8 अरब डॉलर) और जॉन डी रॉकफेलर (26.8 अरब डॉलर) के नाम शामिल हैं।
इस लिस्ट में एकमात्र अन्य भारतीय विप्रो के अजीम प्रेमजी हैं, जिन्होंने परोपकारी कार्यों के लिए लगभग 22 अरब अमेरिकी डॉलर दिए हैं। सूची में 38 लोग अमेरिका से हैं और उसके बाद ब्रिटेन (5) और चीन (3) का स्थान है। कुल 37 शीर्ष दानदाताओं की मृत्यु हो चुकी है, जबकि उनमें से 13 जीवित हैं।
बता दें कि जमशेदजी टाटा नमक से लेकर सॉफ्टवेयर तक बनाने वाले कारोबारी समूह टाटा के संस्थापक थे। उनका जन्म 1839 में गुजरात के नवसारी में हुआ था. साल 1904 में ही उनका निधन हो गया था। उन्हें भारतीय उद्योग का जनक कहते हैं। उन्होंने मुख्यत: शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में दान किया। उनके परोपकारी कार्यों की शुरुआत 1892 में ही हो गई थी, जब उन्होंने उच्च शिक्षा के लिए JN Tata Endowment की स्थापना की। यह संस्था ही टाटा ट्रस्ट की बुनियाद बनी।