Jaypee hospital ने Breast Cancer से जंग जीत चुकी महिलाओं को किया सम्मानित, काटा पिंक रिब्बन

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जेपी हॉस्पिटल (Jaypee hospital) ने स्तन कैंसर जागरुकता माह (Breast Cancer Awareness Month) के उपलक्ष्य में पिंक रिब्बन मीट का आयोजन किया। स्तन कैंसर से जंग जीत चुकी महिलाओं को सम्मानित करने तथा लोगों को इस रोग के बारे में जागरुक बनाने के लिए यह आयोजन किया गया।


जेपी हॉस्पिटल (Jaypee hospital) ने स्तन कैंसर जागरुकता माह (Breast Cancer Awareness Month) के उपलक्ष्य में पिंक रिब्बन मीट का आयोजन किया। स्तन कैंसर से जंग जीत चुकी महिलाओं को सम्मानित करने तथा लोगों को इस रोग के बारे में जागरुक बनाने के लिए यह आयोजन किया गया।

कैंसर के कुल मामलों में 16 प्रतिशत Breast Cancer का योगदान

स्तन कैंसर आज दुनिया भर में महिलाओं को होने वाला सबसे आम प्रकार का कैंसर है, जो महिलाओं में होने वाले कैंसर के कुल मामलों में 16 फीसदी योगदान देता है। विकासशील देशों में स्तन कैंसर का बोझ बहुत अधिक है, जहां 69 फीसदी मामलों में मरीज़ की मौत हो जाती है।

Breast Cancer को लेकर नहीं है जागरूकता

इस अवसर पर डॉ. आशीष गोयल, डायरेक्टर, सर्जिकल ओंकोलोजी, जेपी हॉस्पिटल (Dr. Ashish Goyal, Director, Surgical Oncology, Jaypee Hospital) एवं पिंक रिब्बन मीट के आयोजनकर्ता ने कहा, ‘‘कई कारणों से महिलाओं में स्तन कैंसर का निदान जल्द नहीं हो पाता, क्योंकि अक्सर महिलाएं अपने स्वास्थ्य से पहले परिवार की ज़रूरतों को महत्व देती हैं। कुछ महिलाएं अपने स्तनों में गांठ के बारे में बात करने से हिचकती हैं और डॉक्टर से संपर्क नहीं करना चाहतीं। जिसके चलते उनके निदान में देरी हो जाती है। स्तन कैंसर के लक्षणों के बारे में सतर्क रहना बहुत ज़रूरी है। अगर आपको अपने स्तनों में कोई भी बदलाव दिखे जैसे नई गांठ, स्तनों की त्वचा में बदलाव आदि तो तुरंत अपने डॉक्टर को संपर्क करें।’’

40 वर्ष के बाद नियमित स्क्रीनिंग जरूरी

डॉ. सुदर्शन डे, डायरेक्टर, रेडिएशन ओंकोलोजी, जेपी हॉस्पिटलस ने कहा, दुनिया भर में महिलाएं आमतौर पर नियमित रूप से अपने स्तनों की स्क्रीनिंग नहीं कराती हैं। यह बेहद ज़रूरी है कि 40 वर्ष या इससे अधिक उम्र की महिलाएं दो साल में एक बार मैमोग्राम ज़रूर कराएं। शुरूआती अवस्था में स्तन कैंसर का निदान होने पर मरीज़ के जीवित रहने की संभावना 90 फीसदी से भी अधिक हो जाती है।

खराब लाइफस्टाल के कारण होता है Breast Cancer

कैंसर के उपचार में आधुनिक तकनीकों के बारे में बात करते हुए डॉ अभिषेक गुलिया, एसोसिएट डायरेक्टर, डिपार्टमेन्ट ऑफ रेडिएशन ओंकोलोजी, जेपी हॉस्पिटल ने कहा, गतिहीन जीवनशैली और जंक फूड का सेवन स्तन कैंसर के मुख्य कारण हैं। सेहतमंद जीवनशैली अपनाकर, शराब एवं तंबाकू का सेवन छोड़ कर और नियमित रूप से व्यायाम को अपनाकर स्तन कैंसर से बचा जा सकता है। इसके अलावा तनाव का भी स्वास्थ्य पर बुरा असर होता है। पिछले दशक में रेडिएशन थेरेपी, इम्युनोथेरेपी, कीमोथेरेपी, हॉर्मोन थेरेपी एवं सर्जिकल तकनीकों में काफी प्रगति हुई है, आज ऐसी आधुनिक तकनीकें उपलब्ध हैं, जिनके द्वारा कम से कम साईड इफेक्ट्स के साथ मरीज़ों का इलाज सफलतापूर्वक किया जा सकता है।’’

Breast Cancer का इलाज संभव

डॉ. योगेश निश्चल, सीनियर कन्सलटेन्ट, डिपार्टमेन्ट ऑफ मेडिकल ओंकोलोजी, जेपी हॉस्पिटल ने कहा, पिंक रिब्बन मीट बेहद महत्वपूर्ण है, जो हमें याद दिलाती है कि आज पहले से अधिक संख्या में महिलाओं में कैंसर का निदान हो रहा है। इसके माध्यम से हम लोगों को जल्दी निदान एवं उपचार का संदेश देना चाहते हैं। हमें मरीज़ों की मदद के लिए और उन्हें जागरुक बनाने के लिए बेहतर तरीके खोजने होंगे और इसीलिए हमने इस पहल का आयोजन किया है।

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