उत्तर प्रदेश में साल 2022 में विधानसभा चुनाव होने वाला है। कांग्रेस का देश से वैसे ही सफाया हो चुका है लेकिन यूपी उनके लिए दिल्ली तक पहुंचने की उम्मीद है। इस बीच उम्मीद पर पानी फिरता दिख रहा है। यूपी से कांग्रेस के बड़े नेता जितिन प्रसाद ने बीजेपी का दामन थाम लिया है। केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल की मौजूदगी में जितिन ने पार्टी की सदस्यता ग्रहण की। जितिन यूपी में ब्राह्मण समाज में मजबूत पकड़ रखते हैं। ऐसे में कांग्रेस पार्टी के लिए हानी का समय है।

गौरतलब है कि, दिल्ली तक पुहंचने का रस्ता उत्तर प्रदेश से गुजरता है। क्योंकि राज्य में सबसे अधिक विधानसभा और लोकसभा सीटे हैं। चुनाव से पहले ही कांग्रेस का विकेट गिरता हुआ दिख रहा है। खबरों की माने तो जितिन लंबे समय से पार्टी के हाई कमान से खासा नाराज चल रहे थे। यही कारण है कि, उन्होंने कांग्रेस को अलविदा कह दिया। वैसे कहा यह भी जा रहा है कि, जितिन पीएम मोदी से काफी प्रभावित हैं।

बता दें कि, बीजेपी में शामिल होने से पहले जितिन प्रसाद गृह मंत्री अमित शाह के घर भी गए थे। वहां से निकलते ही सीधे बीजेपी कार्यालय पहुंच कर पार्टी की सदस्यता ग्रहण की।

साल 22 में 431 विधानसभा सीटों पर उत्तर प्रदेश में चुनाव होने वाला है। ऐसे में बीजेपी एक एक कर टीम बनाने में जुट गई है। राज्य में वोट के लिए जातिय समीकरण काफी अहम माना जाता है। वहीं खबर यह भी है कि, यूपी का ब्राह्मण समाज बीजेपी से नाराज चल रहा है। यही कारण है जितिन के जरिए बीजेपी पंडितों को मनाने का काम करेगी।

जितिन प्रसाद, कांग्रेस के दिग्गज नेता जितेंद्र प्रसाद के बेटे हैं। जितेंद्र प्रसाद दो प्रधानमंत्रियों (राजीव गांधी और पीवी नरसिम्हाराव) के राजनीतिक सलाहकार थे. 2000 में जितेंद्र प्रसाद ने कांग्रेस अध्यक्ष का चुनाव सोनिया गांधी के खिलाफ लड़े थे, लेकिन वह हार गए थे। 2001 में जितेंद्र प्रसाद का निधन हो गया।

जब से यूपी कांग्रेस की कमान प्रियंका गांधी वाड्रा के हाथ में है और यूपी प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार उर्फ लल्लू बनाए गए हैं, तब से जितिन प्रसाद को यूपी कांग्रेस में तवज्जो नहीं मिल रहा था। कई बार खुले मंच पर वह अपनी नाराजगी जाहिर भी कर चुके हैं। यूपी कांग्रेस की कई समितियों में जितिन प्रसाद को रखा भी नहीं गया है।

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