केंद्र सरकार ने शुक्रवार (10 फरवरी) को कर्नाटक हाईकोर्ट में पांच नए जजों की नियुक्ति की अधिसूचना जारी कर दी। हाईकोर्ट में जिन जजों को नियुक्त किया गया है वो हैं कृष्णा एस दीक्षित, शंकर गणपति पंडित, रामकृष्ण देवदास, बीएम श्याम प्रसाद और एस सुनील दत्त यादव। कृष्णा दीक्षित कर्नाटक उच्च न्यायालय में भारत के अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल हैं, जबकि आर देवदास और बीएम श्याम प्रसाद वरिष्ठ अधिवक्ता हैं।

भारतीय राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय (NLSIU) बैंगलोर से 1996 के स्नातक एस सुनील दत्त यादव उच्च न्यायालय में पदोन्नत होने वाले दूसरे जज हैं इससे पहले पिछली साल NLSIU बैंगलोर के ही छात्र रहे शेखर बॉबी सराफ की नियुक्ती की गई थी। यादव कर्नाटक उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किए जाने वाले पहले NLSIU स्नातक हैं।

सोमवार (5 फरवरी) को कर्नाटक स्टेट बार काउंसिल, बेंगलुरु एडवोकेट एसोसिएशन और कई वरिष्ठ अधिवक्ताओं ने हाईकोर्ट में रिक्त पदों के विरोध में भूख हड़ताल शुरू की थी।  वकीलों ने इस ओर ध्यान दिलाया था कि उच्च न्यायालय के 60% से अधिक पद वर्तमान में खाली हैं। अदालत 24 न्यायाधीशों के साथ काम कर रही है जबकि 62 पद स्वीकृत हैं। वकीलों का कहना था कि हाईकोर्ट में अंतिम नियुक्ति फरवरी 2017 में की गई थी।

हड़ताल के बाद पूर्व प्रधानमंत्री एच.डी. देवेगौड़ा और बेंगलुरु एडवोकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष ए.पी. रंगनाथ ने मंगलवार (6 फरवरी) को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाकात की थी और मांग की थी कि वो नियुक्ती की लंबित सिफारिशों को मंजूरी दें। राज्य के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने भी इस बारे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा था।

कर्नाटक हाईकोर्ट में हुई इन नियुक्तियों के बाद वकीलों ने अपनी हड़ताल इस उम्मीद के साथ खत्म कर दी है कि अब खाली पड़े पदों को भरने की प्रक्रिया चलती रहेगी।

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