भारत ने संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) की केरल बाढ़ पीड़ितों के लिए 700 करोड़ रुपए की मदद को ठुकरा दिया है। सरकार का कहना है कि इस आपदा के लिए विदेश से मिल रही किसी भी वित्तीय मदद को भारत स्वीकार नहीं करेगा। आपको  बता दें कि बुरी तरह बाढ़ से प्रभावित केरल की मदद के लिए यूएई ने मंगलवार को मदद की घोषणा की थी

कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में सरकारी सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि सरकार विदेशों से मिलने वाली किसी भी मदद को स्वीकार नहीं करेगी। ख़बरों के मुताबिक सरकार ने तय किया है कि वो इस आपदा से घरेलू स्तर पर निपट लेगी।

केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने तिरुवनंतपुरम में कहा कि अबू धाबी के वलीहद शहजादे शेख मोहम्मद बिन जायेद अल नाहयन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को फोन किया और सहायता की पेशकश दी।

विदेशी मदद स्वीकार नहीं करने का ये फ़ैसला पहली बार नहीं हुआ है। 2013 की केदारनाथ आपदा के समय यूपीए की सरकार ने भी विदेशी मदद स्वीकार करने से इनकार कर दिया था।

यूएई और बाक़ी के खाड़ी देशों में केरल के लोगों की अच्छी-ख़ासी आबादी रहती है। खाड़ी के देशों में भारतीय मज़दूरों की बड़ी तादाद है। एक अनुमान के अनुसार संयुक्त अरब अमीरात की कुल आबादी में भारतीय प्रवासी 27 फ़ीसदी हैं।

गौरतलब है कि केरल में तक़रीबन 15 दिनों तक चली भारी बारिश से भीषण बाढ़ के हालत बन गए है। इस बाढ़ में अब तक 375 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई है और तीन लाख से ज्यादा लोग बेघर हो गए है। यह बाढ़ पिछले 100 सालों की सबसे भीषण बाढ़ है।

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