मोदी सरकार असंगठित क्षेत्र में काम कर रहे लगभग 40 करोड़ कर्मचारी को यूनिक आईडी देने जा रही है। इसके लिए असंगठित क्षेत्र के कर्मचारियों का एक नेशनल प्‍लेटफॉर्म बनाया जाएगा। श्रम मंत्रालय ने असंगठित क्षेत्र के वर्कर्स के लिए नेशनल प्‍लेटफॉर्म बनाने और आधार से जुड़ा आईडेंटिफिकेशन नंबर आवंटित करने के लिए टेंडर जारी किया है।

सरकार की योजना इस प्‍लेटफॉर्म के जरिए 40 करोड़ कर्मचारी और उनके परिवारों को तमाम स्‍कीमों का फायदा पहुंचाने की है। इस योजना को लाने का मकसद भारत में काम करने वाले असंगठित क्षेत्र के कर्मचारी का नेशनल डाटाबेस बनाना है। इसके जरिए सभी कर्मचारी को आधार से जुड़ा यूनिक आईडी नंबर आवंटित किया जाएगा। सभी राज्‍य और केंद्र शासित क्षेत्र और सरकारी विभाग इस डाटाबेस को एक्‍सेस कर सकेंगे।

मौजूदा समय में केंद्र सरकार और राज्‍य सरकारें असंगठित क्षेत्र के वर्कर्स के लिए अलग अलग सामाजिक सुरक्षा योजनाएं चला रही हैं। पोर्टल के जरिए ये सुनिश्चित किया जाएगा कि असंगठित क्षेत्र में काम करने वाले को केंद्र और राज्‍य सरकारों की सामाजिक सुरक्षा योजनाओं का फायदा मिल सके। इसके तहत कर्मचारी केंद्र और राज्‍य सरकार दोंनों की ओर से चलाई जा रही है सामाजिक सुरक्षा योजनाओं का फायदा उठा सकेंगे।

केंद्र सरकार की योजना नेशनल पोर्टल से नियोक्‍ताओं को जोड़ने की भी है। यानी सरकार पोर्टल से ऐसी कंपनियों या संस्‍थाओं को जोड़ेगी जिनको कर्मचारी की जरूरत है और जो किसी खास काम के लिए लोगों को नौकरी पर रखना चाहते हैं। इससे असंगठित क्षेत्र में काम करने वाले कर्मचारी के लिए नौकरी मिलने में भी आसानी होगी। इसके जरिए सरकार ये भी पता कर सकेगी कि किसी खास इंडस्‍ट्री को किस तरह की स्किल वाले कितने कर्मचारी की जरूरत है।

ब्यूरो रिपोर्ट, एपीएन

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