Lakhimpur Kheri Case: AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) का कहना है कि लखीमपुर खीरी (Lakhimpur Kheri) घटना के लिए केंद्र और यूपी की बीजेपी सरकारें जिम्मेदार हैं। उन्होंने घटना को राज्य प्रायोजित हिंसा करार दिया। असदुद्दीन ओवैसी ने कहा, ‘मैं उन लोगों के प्रति एकजुटता प्रकट करने के लिए यूपी के लखीमपुर खीरी जाऊंगा, जिनकी केंद्रीय मंत्री के बेटे ने हत्या की है। यह एक जघन्य अपराध है। अब समय आ गया है, मोदी सरकार को 3 कृषि कानूनों को वापस लेना चाहिए और उन्हें इस मंत्री को हटाना चाहिए।’
बयान के कारण हुई हिंसा
नेता ने कहा , ‘हम मांग करते हैं कि इस घटना की निष्पक्ष जांच के लिए हाई कोर्ट या सुप्रीम कोर्ट के सिटिंग जज को निगरानी करनी चाहिए।’ उन्होंने कहा, ‘यह राज्य प्रायोजित हिंसा है। इस (लखीमपुर) घटना के लिए राज्य और केंद्र दोनों को दोषी ठहराया जाना चाहिए क्योंकि गृह राज्य मंत्री ने कुछ दिन पहले एक भड़काऊ भाषण दिया था कि 2 मिनट के भीतर सभी चीजें (किसान विरोध) खत्म कर देंगे, जिसके कारण यह घटना हुई।’
बीजेपी और योगी सरकार को आड़े हाथ ले रहा विपक्ष
मालूम हो कि उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में केंद्रीय मंत्री अजय कुमार मिश्रा के बेटे ने कथित तौर पर विरोध प्रदर्शन कर रहे किसानों के ऊपर गाड़ी चढ़ा दी। अब इस मामले ने तूल पकड़ लिया है। तमाम विपक्षी नेता किसानों के प्रति अंसवेदनशील होने के लिए बीजेपी और योगी सरकार को आड़े हाथ ले रहे हैं।
यूपी प्रशासन द्वारा प्रियंका गांधी और अखिलेश यादव समेत विपक्षी नेताओं को घटनास्थल पर जाने नहीं दिया जा रहा है। बता दें कि विरोध कर रहे किसान हाल ही में अजय कुमार मिश्रा द्वारा दिए गए बयान से नाराज थे जिसके बाद किसानों ने केंद्रीय मंत्री मिश्रा और यूपी के डिप्टी सीएम केशवप्रसाद मौर्य का घेराव किया।
चार किसानों समेत आठ लोगों की मौत
मामले ने तूल तब पकड़ लिया जब मंत्रियों के काफिले की एक गाड़ी ने प्रदर्शनकारी किसानों पर कथित तौर पर गाड़ी चढ़ा दी। घटना में चार किसानों समेत आठ लोगों की मौत हो गयी। गुस्साए किसानों ने बाद में वाहनों को आग लगा दी।
दूसरी ओर यूपी सरकार ने कहा है कि हाईकोर्ट के रिटायर जज की निगरानी में मामले में जांच की जाएगी। सरकार ने घायलों और मृतकों के परिजनों के लिए मुआवजे और सरकारी नौकरी की घोषणा भी की है।
साथ ही केंद्रीय मंत्री के बेटे के खिलाफ हत्या का मुकदमा भी दायर किया गया है। किसानों का आरोप है कि कथित तौर पर गाड़ी मंत्री अजय मिश्रा के बेटे द्वारा चलायी जा रही थी। एफआईआर में अन्य लोगों के नाम भी दर्ज किए गए हैं। मामले पर अजय मिश्रा का कहना है कि उनके बेटे घटनास्थल पर मौजूद ही नहीं थे।
फिलहाल हिंसा प्रभावित स्थानों पर इंटरनेट सेवा बंद कर दी गयी है। साथ ही धारा-144 लागू कर दी गयी है। यूपी सरकार ने घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए दुख प्रकट किया है।