‘जय जवान, जय किसान’ का नारा देकर देश की आवाज बुलंद करने वाले Lal Bahadur Shastri की 119वीं जयंती मना रहा राष्ट्र, ऐसी शख्सियत जिसने देशहित में लिए अहम फैसले

Lal Bhadur Shastri: लाल बहादुर शास्‍त्री 1964 में भारत के प्रधानमंत्री बने और 1965 में भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान देश का कुशल नेतृत्व किया।

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Lal Bahadur Shashtri: top news hindi on birth aniversary
Lal Bahadur Shashtri:

Lal Bahadur Shastri: देश की राजनीति का दिग्‍गज चेहरा, जिनकी सादगी और उच्‍च विचारों ने पूरे राष्ट्र में नई चेतना का संचार किया।देश को आजादी दिलाने से लेकर हरित क्रांति और भारत-पाक युद्ध में अपने अभूतपूर्व योगदान के लिए जानने वाले भारत के पूर्व प्रधानमंत्री और सच्‍चे लाल लाल बहादुर शास्‍त्री की आज 119 वीं जयंती मनाई जा रही है। पूरा राष्ट्र उन्‍हें नमन कर रहा है।

लाल बहादुर शास्त्री का जन्म 2 अक्टूबर 1904 को उत्तर प्रदेश के वाराणसी से 7 मील दूर एक छोटे से रेलवे टाउन, मुगलसराय में हुआ था। उनके पिता एक स्कूल शिक्षक थे।जब लाल बहादुर शास्त्री केवल डेढ़ वर्ष के थे तभी उनके पिता का देहांत हो गया था। उनकी मां अपने 3 बच्चों के साथ अपने पिता के घर जाकर बस गईं।गरीबी की मार पड़ने के बावजूद उनका बचपन पर्याप्त रूप से खुशहाल बीता। उन्हें वाराणसी में चाचा के साथ रहने के लिए भेज दिया गया था ताकि वे उच्च विद्यालय की शिक्षा प्राप्त कर सकें। घर पर सब उन्हें नन्हे के नाम से पुकारते थे। वे कई मील की दूरी नंगे पांव से ही तय कर विद्यालय जाते थे, भीषण गर्मी में जब सड़कें अत्यधिक गर्म हुआ करती थीं तब भी उन्हें ऐसे ही जाना पड़ता था।

Lal Bahadur Shashtri ji aniversary on 2 Oct today.
Lal Bahadur Shahtri Aniversary.

Lal Bahadur Shastri: भारत-पाक युद्ध में निभाई निर्णायक भूमिका

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Lal Bahadur Shastri.

Lal Bahadur Shastri: लाल बहादुर शास्‍त्री 1964 में भारत के प्रधानमंत्री बने और 1965 में भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान देश का कुशल नेतृत्व किया। 1965 में भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान उन्होंने देश में ‘भोजन की कमी’ के बीच सैनिकों और किसानों का मनोबल बढ़ाने के लिए ‘जय जवान’ ‘जय किसान’ का नारा दिया।उस दौरान उन्होंने अपना वेतन तक लेना बंद कर दिया था। उन्होंने अपने विनम्र स्वाभाव, मृदुभाषी व्यवहार और आम लोगों से जुड़ने की क्षमता से भारत की राजनीति पर अमिट छाप छोड़ी थी।

Lal Bahadur Shastri: श्‍वेत क्रांति से लेकर हरित क्रांति तक भारत को पहुंचाया ऊंचाइयों पर

Lal Bahadur Shastri: आजादी के बाद देश में दुग्‍ध उत्‍पादन को बढ़ाने, नई तकनीक से कृषि क्षेत्र में उन्‍नत विकास का जनक भी लाल बहादुर शास्‍त्री जी को कहा जाता है।लाल बहादुर शास्त्री ने श्वेत क्रांति का अभियान शुरू कर देश में दूध के उत्पादन बढ़ाया। वर्ष 1965 में, उन्होंने भारत में हरित क्रांति को भी बढ़ावा दिया। जिसने देश में किसानों की समृद्धि और भारत को खाद्यान्न उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाने पर ध्यान केंद्रित किया था।

लाल बहादुर शास्त्री को “शांति के प्रतीक” के रूप में भी जाना जाता है, क्योंकि उन्होंने हमेशा आक्रामकता की जगह अहिंसा का रास्ता पसंद किया। उन्हें 1966 में मरणोपरांत भारत के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार भारत रत्न से सम्मानित किया गया।
भारत-पाक युद्ध विराम को लेकर लाल बहादुर शास्‍त्री ताशकंद पहुंचे। जहां 11 जनवरी, 1966 को अचानक कार्डियक अरेस्ट आने से उनकी मृत्‍यु हो गई। शास्त्री जी ने पाकिस्तान के तत्कालीन राष्ट्रपति एम अयूब खान के साथ युद्धविराम की घोषणा पर हस्ताक्षर करने और युद्ध को समाप्त करने के महसद से ताशकंद गए थे।

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