जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल सत्य पाल मलिक ने गुरुवार को कहा कि उन्हें विधायकों की खरीद-फरोख्त होने तथा उन्हें धमकाये जाने की शिकायतें मिल रही थीं जिसके बाद उन्होंने विधानसभा भंग कर दी। मलिक ने यहां राज भवन में संवाददाता सम्मेलन में कहा,“ मुझे पिछले 15 दिनों से विधायकों की खरीद-फरोख्त होने और विधायकों को धमकी दिये जाने की शिकायतें मिल रही हैं।” उन्होंने कहा, “महबूबा मुफ्ती ने खुद शिकायत की कि उनके विधायकों को धमकी दी जा रही है। दूसरी पार्टी ने कहा कि पैसे के वितरण की योजना है। इसलिए मैं इसे होने की इजाजत नहीं दे सकता।”
उन्होंने कहा, “ मैं नियुक्ति के दिन से राज्यपाल के रूप में कह रहा हूं कि मैं राज्य में दल-बदल और खरीद- फरोख्त के तहत गठित किसी भी सरकार के पक्ष में नहीं हूं।” उन्होंने कहा, “मैं चाहता हूं कि चुनाव कराये जाएं और चुनी गयी पार्टी का राज्य पर शासन हो।”
#NEWS: विधानसभा भंग पर बोले राज्यपाल सत्यपाल मलिक, #JammuKashmir की जनता के पक्ष में काम किया, मैंने किसी के साथ पक्षपात नहीं किया pic.twitter.com/L1mRlrgQPR
— APN न्यूज़ हिंदी (@apnlivehindi) November 22, 2018
नेशनल कांफ्रेंस, पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी और कांग्रेस का नाम लिये बगैर राज्यपाल ने कहा, “ये वे शक्तियां हैं जो राज्य में जमीनी स्तर का लोकतंत्र नहीं चाहती हैं।” उन्होंने कहा, “ खुद को असहाय महसूस करने तथा यह देखते हुए कि स्थिति उनके हाथों से निकल रही है और उनके अनुसार कुछ भी नहीं हो रहा है तो उन्होंने ‘अपवित्र’ गठबंधन की पहल शुरू की।” राज्यपाल ने कहा, “मैंने किसी के साथ पक्षपात नहीं किया है और लोगों के हितों को ध्यान में रखते हुए विधानसभा भंग करने का कदम उठाया है।”
बुधवार को राजभवन में किसी भी फैक्स को स्वीकार नहीं करने के सुश्री मुफ्ती के आरोपों के जवाब में श्री मलिक ने कहा, “ ईद की वजह से मेरा कार्यालय बंद कर दिया गया था, इसलिए मुझे सुश्री महबूबा मुफ्ती से कोई संदेश नहीं मिला। वह एक दिन पहले मुझसे संपर्क कर सकती थीं। छुट्टी के दिन कोई भी फ़ैक्स मशीन के बगल में बैठा नहीं था।” राज्यपाल ने जम्मू-कश्मीर की विधानसभा को तत्काल प्रभाव से भंग करने का बुधवार की रात को आदेश जारी किया। आदेश में कहा गया कि राज्यपाल कई स्रोतों से उपलब्ध सामग्री तथा जानकारियों के आधार पर इस निष्कर्ष पर पहुंचे हैं।
विधानसभा भंग होने पर उमर अब्दुल्ला का बयान
नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने राज्यपाल के बयानों पर आपत्ति जताई। उन्होंने कहा-‘‘जब महबूबा जी ने सरकार बनाने की इच्छा जाहिर कर राज्यपाल से मिलने का वक्त मांगा था तो फिर विधानसभा को भंग करने की क्या जरूरत थी?” ‘‘ऐसा पहली बार हुआ जब राजभवन जैसी जगह पर फैक्स मशीन ही नहीं चली और वह लोकतंत्र की हत्या के लिए जिम्मेदार हो गई। यह वन-वे फैक्स मशीन है। इसमें सिर्फ आउटगोइंग है, इनकमिंग नहीं।’’ ‘‘सरकार बनाने का दावा पेश होने पर इसमें फैक्स रिसीव नहीं होता। विधानसभा भंग करने का फैक्स इसमें से चला जाता है। इस अजीब फैक्स मशीन की जांच होनी चाहिए।’’
#JammuKashmir विधानसभा भंग होने पर उमर अब्दुल्ला का बयान, #JammuAndKashmir ने बहुत नुकसान सहा है,PDP की चिट्ठी राजभवन तक नहीं पहुंची: उमर pic.twitter.com/UVp9d0Fege
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अगर गवर्नर के पास ये रिपोर्ट्स हैं कि विधायकों को खरीदा जा रहा था तो यह रिपोर्ट्स सामने आनी चाहिए। हमने कभी नहीं कहा कि हॉर्स ट्रेडिंग हुई। खरीद-फरोख्त के आरोपों की जांच होना चाहिए। भाजपा महासचिव राम माधव आरोप लगा रहे हैं कि मैं पाकिस्तान के इशारों पर चलता हूं और सरकार बनाने की कोशिश कर रहा हूं। मैं मांग करता हूं कि राम माधव सबूत लेकर आएं कि मैं पाकिस्तान के इशारों पर चलता हूं। हम भी देखते हैं कि आप कहां पर खड़े हैं। आप आते हैं, इल्जाम लगाते हैं और पतली गली से निकल जाते हैं।’’ आप पूछते हैं कि हमने देश के लिए क्या कुर्बानी दी।
#NEWS: उमल ने राम माधव को दी चुनौती, साजिशों का खामियाजा राज्य भुगतता रहा है: उमर pic.twitter.com/T2bY81dEsA
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पीडीपी-नेशनल कॉन्फ्रेंस में ‘अचनाक उमड़े प्रेम’ से होता है संदेह : राम माधव
भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं पार्टी के जम्मू कश्मीर के प्रभारी राम माधव ने आज कहा कि राज्य में प्रतिद्वंद्वी नेशनल कॉन्फ्रेंस तथा पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी(पीडीपी) के बीच सरकार के गठन के लिए ‘अचानाक उमड़ा प्रेम’ से संदेह पैदा हुआ है। माधव ने नेशनल कांफ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला की उन्हें दी गयी चुनौती पर कहा कि वह उनकी देशभक्ति पर संदेह नहीं करते हैं लेकिन नेशनल कांफ्रेंस तथा पीडीपी के बीच एकाएक जो प्रेम उमड़ा है जिस तरह से दोनों दलों ने सरकार के गठन के लिए जल्दबाजी दिखायी है उससे कई तरह के संदेह पैदा होते हैं और उस पर राजनीतिक टिप्पणियां भी लाजमी हैं। माधव ने कल आरोप लगाया था कि नेशनल कांफ्रेंस तथा पीडीपी ने राज्य में स्थानीय निकाय चुनाव का बहिष्कार ‘सीमा पार से मिले निर्देशों’ पर किया।
Just take it in your stride @OmarAbdullah Not questioning your patriotism at all. But d sudden love between NC n PDP n d hurry to form government leads to many suspicions n political comments. Not to offend u. ? https://t.co/4tgbWS7Q3r
— Ram Madhav (@rammadhavbjp) November 22, 2018
नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता ने इस आरोप पर श्री माधव को चुनौती दी कि वह या तो इस आरोप को साबित करें या माफी मांगे। उन्होंने ट्वीट किया “मैं राम माधव जी को अपने आरोप साबित करने की चुनौती देता हूँ। रॉ, एनआईए तथा आईबी आपके नियंत्रण में हैं, (सीबीआई भी आपका तोता है)। साहस जुटाए और तथ्यों को जनता के सामने लाइए। इस आरोप को साबित करें अन्यथा इसके लिए क्षमा मांगे। बोलो और भागो की राजनीति मत कीजिए।”
-साभार, ईएनसी टाईम्स