राज्यस्थान की अजमेर दरगाह में 11 अक्टूबर 2007 को हुए आतंकी हमले में आज दो दोषियों को उम्र कैद की सजा सुनाई गई। जयपुर के एनआईए की स्पेशल कोर्ट ने अजमेर बलास्ट मामले में फैसला सुनाते हुए तीन लोगों को दोषी करार दिया था। जिन्हें आज यानी 22 फरवरी को फैसला सुनाया जाना था। कोर्ट ने अजमेर दरगाह में हुए धमाके में दोषी पाये गए देवेंद्र गुप्ता और भावेश पटेल को उम्र कैद की सजा सुनाई है।

312आपको बता दें कि अजमेर स्थित सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती की दरगाह परिसर में आहता ए नूर पेड के पास 11 अक्टूबर 2007 को हुए बम विस्फोट मामले में तीन लोगों को दोषी पाया था वहीं स्वामी असीमानंद को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया गया है। इस मामले के 9 अभियुक्तों  में से 3 सुनील जोशी, भावेश और देवेंद्र गुप्ता  को दोषी करार दिया गया है। कोर्ट ने देवेन्द्र गुप्ता, भावेश पटेल और सुनील जोशी को आईपीसी की धारा 120 बी, 195 और धारा 295 के अलावा विस्फोटक सामग्री कानून की धारा 34 और गैर कानूनी गतिविधियों का दोषी पाया है। दोषी पाए गए इन आरोपियों में से एक सुनील जोशी की पहले ही मौत हो चुकी है बाकी बचे दो दोषी भावेश और देवेंद्र गुप्ता  को कोर्ट ने आज उम्र कैद की सजा सुना दी।

आपको बता दें कि 11 अक्टूबर 2007 को दरगाह परिसर में हुए बम विस्फोट में तीन लोग मारे गए थे और पंद्रह लोग घायल हो गए थे। विस्फोट के बाद पुलिस को तलाशी के दौरान एक लावारिस बैग मिला था, जिसमे टाइमर डिवाइस लगा जिंदा बम रखा था।

एनआईए ने 13 आरोपियों के खिलाफ चलान पेश किया था जिनमें से 8 को 2010 से न्यायिक हिरासत में बंद कर दिया गया था। न्यायिक हिरासत में बंद आठ आरोपी स्वामी असीमानंद ,हषर्द सोलंकी, मुकेश वासाणी, लोकेश शर्मा, भावेश पटेल, मेहुल कुमार ,भरत भाई, देवेन्द्र गुप्ता हैं।

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