Lohri 2022: लोहड़ी एक भारतीय त्योहार है जो मुख्यतः पंजाब और हरियाणा समेत उत्तर भारत में बड़े ही उत्साह से मनाया जाता हैं। लोहड़ी हर साल 13 या 14 जनवरी को मनाया जाता है। इन राज्यों के लोग इस अवसर को जोश और उत्साह के साथ मनाते हैं, क्योंकि यह त्योहार फसल के बुआई के मौसम के अंत और खेती के मौसम के आगमन का प्रतीक होता है। इसे Harvest Festival के नाम से भी जाना जाता है।
Lohri 2022: तिथि और समय
इस साल लोहड़ी का पर्व 13 जनवरी को मनाया जा रहा है। पंचांग के अनुसार लोहड़ी का समय 13 जनवरी को दोपहर 02:43 बजे है। 14 जनवरी 2022 को मकर संक्रांति भी मनाई जाएगी।
Lohri: महत्व और रिवाज
Lohri 2022: लोहड़ी के विशेष अवसर पर लोग अलाव जलाते हैं और उसके चारों ओर घुमकर जश्न मनाते हैं। इस अवसर पर सूर्य (सूर्य देव) की पूजा की जाती है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन अलाव की लपटें लोगों की प्रार्थनाओं को सूर्य भगवान तक पहुंचाती है और इसके बाद सूर्य देवता पृथ्वी को एक अच्छी फसल का आशीर्वाद देते है। साथ ही, ठंड और कठोर सर्दियों के दिनों को भी खत्म करके सुहाना मौसम करेंगे।
कैसे मनाया जाता है Lohri का त्योहार
यह अवसर होने वाले माता-पिता और नव-विवाहित जोड़ों के लिए काफी शुभ माना जाता है। अलाव जलाने के बाद लोग अपने पारंपरिक लोक गीतों को गाते और नृत्य करते हैं इसके साथ ही सूर्य की पूजा करते हैं।
जानिए क्या है लोहड़ी की कहानी
Lohri 2022: लोहड़ी के त्योहार पर खास तौर पर दुल्ला भट्टी की कहानी सुनी जाती है। दुल्ला भट्टी मुगल सम्राट अकबर के शासनकाल के वक्त पर पंजाब में रहता था। मध्य पूर्व के गुलाम बाजार में लड़कियों को जबरन बेचने के लिए ले जाते थे। तो उस समय उन लड़कियों को बचाने के लिए दुल्ला भट्टी को आज भी पंजाब में एक नायक के रूप में याद किया जाता है। दुल्ला भट्टी ने उन लड़कियों में से दो लड़कियों सुंदरी और मुंदरी को बचाया था। और बाद में यही दोनों लड़कियां सुंदरी और मुंदरी बाद में पंजाब की लोककथाओं का हिस्सा बन गईं थीं।
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