विजय माल्य के लिए ब्रिटेन की अदालत ने मुश्किलें बढ़ा दी हैं। भारत की जेलों को खुद के लिए असुरक्षित बताते रहे माल्या ने भारत आने से आनाकानी की थी। माल्या की इस टिप्पणी को गलत बताते हुए ब्रिटेन की अदालत ने तिहाड़ जेल को सुरक्षित परिसर करार दिया है। कोर्ट का कहना है कि यहां भारतीय भगोड़ों का प्रत्यर्पण किया जा सकता है।

क्रिकेट फिक्सिंग के आरोपी संजीव चावला के केस में आया यह फैसला बैंक धोखाधड़ी कर भागे विजय माल्या के प्रत्यर्पण के लिहाज से महत्वपूर्ण हो सकता है। लंदन हाई कोर्ट के जस्टिस लेगाट और जस्टिस डिंगेमैन्स ने शुक्रवार को दिए अपने फैसले में कहा कि तिहाड़ में भारतीय मूल के ब्रिटिश नागरिक संजीव चावला के लिए कोई खतरा नहीं है।

संजीव चावला पर अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मैचों की फिक्सिंग का आरोप है। यह हैंसी क्रोन्ये मैच फिक्सिंग का मामला है, जिसमें भारतीय क्रिकेटरों अजय जडेजा और मोहम्मद अजहरुद्दीन पर भी आरोप लगा था। भारत की ओर से चावला के इलाज का भरोसा दिलाए जाने के बाद लंदन हाई कोर्ट ने यह बात कही है। लंदन उच्च न्यायालय के इस फैसले का असर विजय माल्या के केस पर भी होगा।

इसकी वजह यह है कि माल्या अकसर भारत की जेलों को असुरक्षित बताते रहे हैं, ऐसे में अब ब्रिटिश अदालत से उसके प्रत्यर्पण को मंजूरी मिल सकती है। अब इस मामले में नए फैसले के लिए केस वेस्टमिन्सटर मजिस्ट्रेट कोर्ट को ट्रांसफर होगा। ब्रिटेन के विदेश मंत्री चावला के प्रत्यर्पण के संबंध में आखिरी फैसला लेंगे, लेकिन इसे हाई कोर्ट में चुनौती दी जा सकती है। यही नहीं इसके बाद लंदन के सुप्रीम कोर्ट में भी फैसले को चैलेंज किया जा सकता है।

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