5 राज्यों में हुए विधानसभा चुनावों के नतीजे कल 11 सितंबर को घोषित किए जाएंगे। लेकिन इस बार मध्यप्रदेश में मतगणना में पहले के मुकाबले ज्यादा समय लग सकता है।

इसकी वजह है चुनाव आयोग का वह आदेश जिसमें कहा गया है कि हर राउंड के बाद रिटर्निंग ऑफिसर जब तक उस राउंड का सर्टिफिकेट जारी नहीं कर देता तब तक अगले राउंड की गिनती शुरू नहीं हो सकेगी।

वहीं, इस बार मतगणना के समय न वेबकास्टिंग होगी और न ही मतगणना हॉल में वाई-फाई नेटवर्क का उपयोग होगा। सिर्फ सीसीटीवी कैमरों से नजर रखी जाएगी। बता दें, चुनाव आयोग ने कांग्रेस की आपत्ति के बाद रविवार देर रात यह निर्णय लिया है।

दरअसल, कांग्रेस ने वेबकास्टिंग में जियो की जगह बीएसएनएल नेटवर्क का इस्तेमाल करने की मांग की थी। साथ ही इस बात पर भी कड़ी आपत्ति दर्ज कराई थी कि वेबकास्टिंग के काम का ठेका गुजरात की कंपनी संघवी इन्फोटेक को क्यों दिया गया।

इसस पहले कांग्रेस का एक प्रतिनिधि मंडल निर्वाचन सदन पहुंचा और मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी (सीईओ) मध्यप्रदेश को आपत्ति दर्ज कराई। फिर देर रात वेबकास्टिंग न कराने का निर्णय लिया।

बता दें, मध्यप्रदेश के सभी मतगणना केंद्रों में 11 दिसम्बर को सुबह 8 बजे एक साथ मतों की गिनती शुरू हो जाएगी। सबसे पहले पोस्टल बैलेट यानी डाक मतपत्रों और सर्विस वोटों को गिना जाएगा। जिसके बाद करीब 8.30 से 9 बजे के बीच ईवीएम खोली जाएंगी।

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