साहित्य जगत की जानी-मानी कवियित्री महादेवी वर्मा को गुजरे हुए 30 वर्ष से ज्यादा बीत चुके हैं, लेकिन लगता है नगर निगम इलाहाबाद को इस बात की खबर तक नहीं है। इसी बात का नतीजा है कि नगर निगम इलाहाबाद ने, 1987 में दुनिया छोड़ चुकीं महादेवी वर्मा के नाम पर 48 हजार रुपए का गृहकर बकाया बताते हुए नोटिस जारी किया है। इसके साथ ही महादेवी को नगर निगम में पेश होने के लिए कह दिया गया गया है। ऐसा करना कवियित्री महादेवी वर्मा का अपमान करने के समान है।

साहित्यकार महादेवी वर्मा का आवास नेवादा अशोकनगर में था। 1987 में महादेवी की मौत हो जाने के बाद उनके मकान को ट्रस्ट में परिवर्तित कर दिया गया था, इसके बावजूद नगर निगम ने बिना कुछ सोचे-समझे महादेवी के नाम पर कुर्की का नोटिस जारी कर दिया। बता दे, आवास पर 30 सालों का 28,172 रुपए का बकाया गृहकर दिखाते हुए इसमें 16,644 रुपए का ब्याज भी जोड़ा गया है। साथ ही साथ ही चालू वर्ष का 3234 रुपए और 25 रुपए का शुल्क जोडकर महादेवी पर 48,000 रुपए का बकाया गृहकर दिखाया गया है।

नोटिस में लिखा गया है कि वित्तीय वर्ष 2017-18 के लिए महादेवी वर्मा पर यह बकाया वसूलने योग्य है। साथ ही यह भी लिखा गया है कि यदि इस धनराशि के विरुद्ध कोई भुगतान किया जाता है, तो साक्ष्य के साथ निगम में पेश होकर नोटिस में अंकित धनराशि संशोधित करा लें।

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