सुप्रीम कोर्ट के हाईवे किनारे शराबबंदी से सम्बंधित आदेश और शराबबंदी लागू करने को लेकर उठती आवाजों के बीच इससे निजात पाने के लिए शराब कारोबारी अब इससे निपटने और बचने के लिए हर संभव प्रयास करने में लगे हैं। गौरतलब है कि कारोबारियों ने पर्यटन मंत्री महेश शर्मा से इस बाबत मुलाकात की और बीच का कोई रास्ता निकालने की अपील की है।

Mahesh sharma has trying to find the solution for liquor ban on highwayदरअसल कोर्ट ने 1 अप्रैल से राज्य के हाईवे के 500 मीटर के दायरे में शराब की बिक्री पर पाबंदी लगाई थी। शराब कारोबारियों ने हाईवे से 500 मीटर की दूरी पर ठिकाने ढूढ़ने शुरु कर दिए थे। लेकिन महिलाओं का गुस्सा देखकर उन पर भी ताला जड़ना पड़ा। हालत अब इस कदर हो चुके हैं कि अगर कोई एक दो दुकानें खुली दिख भी जाती है तो महिलाएं पत्थरबाजी तक करना शुरु कर देती हैं। ऐसे में शराब व्यापारियों ने पर्यटन मंत्री डॉ महेश शर्मा से गुहार लगाई है। व्यापारियों की इस मांग पर मंत्री महेश शर्मा का कहना है कि सरकार  उच्चतम  न्यायालय के फैसले का आदर करती है लेकिन बीच का ऐसा रास्ता भी निकालना जरुरी है जिससे कोर्ट का भी निरादर न हो और शराब कारोबियों को भी नुक्सान न झेलना पड़े।इस मामले में कानूनी विशेषज्ञों की भी राय ली जाएगी इसके अलावा जो भी संभावनाएं और बीच का रास्ता होगा उस पर अमल किया जाएगा। महेश शर्मा ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से इस मसले को सुलझाने के लिए मुलाकात भी की है।

होटल और शराब व्यापारियों का कहना है कि इससे उनका काफी नुकसान हो गया है, हाईवे के किनारे जो जमीने उन्होंने अधिक दामों में ली थी, उसमें वो लोग करोड़ों की इंस्वेटमेंट कर चुके हैं। उल्लेखनीय है कि यूपी हाईवे पर करीब 8 हजार शराब की दुकानें हैं।

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