सीपीआरएल के मैनेजमेंट ने दिल्ली में चल रहे 55 में से 43 मैकडॉनल्ड्स को आज से बंद रखने का फैसला लिया है। अमेरिका की कंपनी मैकडॉनल्ड्स और उसके 50:50 हिस्सेदारी वाले ज्वाइंट वेंचर कनॉट प्लाजा रेस्टोरेंट्स प्राइवेट लिमिटेड (सीपीआरएल) के बीच चल रही खींचतान ने अब अलग मोड़ ले लिया है।

आपको बता दें कि मैकडॉनल्ड्स के यूएस स्थित हेडक्वार्टर के साथ मिलकर उत्तर व पूर्वी भारत में जो संस्था यह आउटलेट्स चलाती है और उसी ने इस आउटलेट को बंद करने का फैसला लिया है। आउटलेट्स बंद करने का ऐलान बुधवार की सुबह स्काइप के जरिए हुई बोर्ड मीटिंग के दौरान लिया गया। फॉर्मर एमडी विक्रम बख्शी और उनकी पत्नी अब भी सीपीआरएल बोर्ड में हैं जिन्होंने यह फैसला लिया है। अगस्त 2013 में बख्शी को नाटकीय तरीके से सीपीआरएल के मैनेजिंग डायरेक्टर पोस्ट से हटा दिया गया था। इसके बाद बख्शी और मैकडॉनल्ड्स के बीच लंबी कानूनी लड़ाई शुरू हो गई जिसमें उन्होंने दुनिया की सबसे बड़ी फास्ट फूड चेन को कंपनी लॉ बोर्ड में घसीट लिया। इस मामले में बोर्ड का फैसला अभी नहीं आया है।

हालांकि रेस्टोरेंट्स को अस्थाई तौर पर बंद किए जाने की वजह के बारे में दोनों पार्टनर्स ने कुछ भी कहने से मना कर दिया है लेकिन सूत्रों के मुताबिक, बख्शी और मैकडॉनल्ड्स के बीच चल रही लड़ाई के बीच सीपीआरएल मैंडेटरी हेल्थ लाइसेंस रिन्यू कराने में फेल हो गई है।

गौरतलब है कि सीपीआरएल देश में कुल 168 मैकडॉनल्ड्स आउटलेट चला रही है। यह खबर सिर्फ मैकडॉनल्ड्स के दीवानों के लिए ही बुरी खबर नहीं है, बल्कि इनमें काम करने वाले करीब 1700 कर्मचारियों के लिए बेहद बुरी खबर है। क्योंकि उनकी नौकरियां भी आज के बाद नहीं रहेंगी, वो बेरोजगार हो जाएंगे। सीपीआरएल के अध्यक्ष विक्रम बख्शी ने कहा है कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है, लेकिन हम इसे अस्थायी रूप से बंद कर रहे हैं।

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