वित्त मंत्रालय ने बुधवार को कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा चिन्हित 12 सबसे बड़े ऋण चूककर्ताओं या डिफॉल्टरों के नाम शीघ्र ही सार्वजनिक किए जाएंगे। दरअसल, नॉन पर्फॉर्मिंग एसेस्ट्स यानि एनपीए में वृद्धि बैंकों के लिए एक बड़ी समस्या है। आरबीआई ने ऐसे 12 डिफॉल्टरों की पहचान की है जिनके पास बैंकों के कुल एनपीए का तकरीबन 25 फीसदी है। वित्त मंत्रालय ने संकेत दिए हैं कि ऐसे डिफॉल्टरों का नाम जल्द ही सार्वजनिक किया जाएगा। केंद्रीय बैंक ने दिवालिया प्रक्रिया शुरु करने के लिए 12 डिफॉल्टरों की पहचान की गई है।

वित्त मंत्रालय के प्रधान आथर्कि सलाहकार संजय सान्याल ने कहा 12 मामलों को चिन्हित किया गया है, नाम जल्द ही सार्वजनिक होंगे। उन्होंने बताया कुल फंसे कर्ज में से इनका हिस्सा 25 प्रतिशत है। इसलिए अब इनका नाम सार्वजनिक करना जरूरी हो गया है। एक अनुमान के मुताबिक इन 12 डिफॉल्टरों के ऊपर करीब 5000 करोड़ से ज्यादा का कर्ज है। आईबीसी के तहत दिवालिया हुए पक्ष के मामले में प्रक्रिया को पूरा करने के लिए 180 दिन का वक्त मिलता है। विशेष मामलों में इसे 90 दिन और बढ़ाया जा सकता है। आईबीसी के तहत दिवालिया हुए पक्ष के मामले में प्रक्रिया को पूरा करने के लिए 180 दिन का वक्त मिलता है। विशेष मामलों में इसे 90 दिन और बढ़ाया जा सकता है।

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