बीजेपी ने आगामी मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए उम्मीदवारों की दूसरी सूची जारी की है। सूची को देखकर लगता है कि लंबे समय तक मुख्यमंत्री रहने वाले शिवराज सिंह चौहान को पार्टी किनारे करना चाह रही है। पार्टी चाहती है कि वरिष्ठ नेता धैर्य रखें और चुनावी जीत पर ध्यान दें। ऐसे संकेत हैं कि मुख्यमंत्री पद की दौड़ को पूरी तरह से खुला रखा जाएगा। ये चुनाव भी पार्टी पीएम मोदी के चेहरे पर लड़ रही है।
एक आश्चर्यजनक कदम में जिसने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है, पार्टी ने घोषणा की कि वह सात लोकसभा सांसदों को मैदान में उतार रही है, जिनमें से तीन केंद्रीय मंत्री हैं। यहां तक कि पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय भी चुनाव लड़ेंगे। चुनाव लड़ने वाले तीन केंद्रीय मंत्रियों में नरेंद्र सिंह तोमर, प्रह्लाद सिंह पटेल और फग्गन सिंह कुलस्ते का नाम शामिल है। चुनावी दौड़ में चार अन्य लोकसभा सांसद हैं गणेश सिंह,रीति पाठक,राकेश सिंह, उदय प्रताप सिंह।
ऐसा प्रतीत होता है कि सत्तारूढ़ दल चुनावी युद्ध के मैदान में अपने विभिन्न वरिष्ठ क्षेत्रीय नेताओं के बीच संतुलन बनाने की कोशिश कर रही है, ताकि विशिष्ट क्षेत्रों और जातियों पर उनके अनुभव और प्रभाव का अधिकतम लाभ उठाया जा सके।
सात मौजूदा सांसदों को मैदान में उतारकर पार्टी न केवल कमजोर सीटें जीतना चाहती है, बल्कि यह भी सुनिश्चित करना चाहती है कि बाकी सीटें भी इन अनुभवी राजनेताओं की निरंतर उपस्थिति से प्रभावित हों।
अब इस पर मध्यप्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि बीजेपी ने “हार स्वीकार कर ली है”। उन्होंने एक्स पर पोस्ट किया, ”बीजेपी सरकार के 18.5 साल और 15 साल से अधिक के शिवराजी विकास के दावों को झुठलाने वाली बीजेपी उम्मीदवारों की सूची पार्टी की आंतरिक हार की पक्की मुहर है।”