उत्तर प्रदेश का सुप्रतिष्ठित मुगलसराय जंक्शन रेलवे स्टेशन अब प. दीन दयाल उपाध्याय जंक्शन के नाम से जाना जाएगा। यह मुगलसराय यूपी के चंदौली जिले के अंतर्गत आता है। गौरतलब है कि 1862 में बने मुगलसराय स्टेशन का नाम बदलने की कवायद पिछले साल ही शुरू कर दी गई थी, जिसके तहत सीएम योगी आदित्यनाथ ने ही मुगलसराय स्टेशन का नाम बदलने का सुझाव केंद्र के पास भेजा था, जिसे बाद में केंद्र ने स्वीकार कर लिया था। बता दें कि इसकी जानकारी स्वयं रेलवे मंत्री पीयूष गोयल ने ट्वीट के जरिए दी।

रेलवे मंत्री पीयूष गोयल ने लिखा, कि मुझे खुशी है कि अंत्योदय जैसा महान विचार देने वाले पं. दीन दयाल जी के नाम से अब यह जंक्शन जाना जाएगा। वहीं इस बारे में उत्तर प्रदेश के रुद्रपुर से कांग्रेस सांसद अखिलेश प्रताप सिंह ने ट्वीट करते हुए कहा, कि मुग़ल सराय रेलवे स्टेशन को तो पं दीन दयाल उपाध्याय जंक्शन का नाम तो दे दिया गया लेकिन मोदी जी दीन दयाल जी की मृत्यु की जांच क्यों नहीं करा रहे हैं।

बता दें कि 1968 में आरएसएस-बीजेपी के विचारक दीन दयाल उपाध्याय का शव मुगलसराय स्टेशन पर संदिग्ध हालत में पाया गया था। जिसके बाद से ही आरएसएस और संघ परिवार से जुड़े संगठन दीनदयाल उपाध्याय के नाम पर ही मुगलसराय स्टेशन का नाम चाहते थे। लेकिन यह शहर पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री का जन्मस्थल है। जिसके चलते कई अन्य संगठन वर्षों से मुगलसराय में शास्त्री स्मारक की मांग कर रहे हैं।

वहीं देश में पहले से ही कई योजनाएं प. दीन दयाल उपाध्याय के नाम से चल रही हैं। जिसमें दीन दयाल उपाध्याय अंत्योदय योजना, दीन दयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल्या योजना, दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना और दीन दयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल योजना प्रमुख हैं।

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