प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा रविवार को नए संसद भवन के उद्घाटन समारोह में कम से कम 25 दलों के शामिल होने की उम्मीद है। जबकि 20 विपक्षी दलों ने इस कार्यक्रम का बहिष्कार करने का फैसला किया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा रविवार को नए संसद भवन के उद्घाटन समारोह में कम से कम 25 दलों के शामिल होने की उम्मीद है। जबकि 20 विपक्षी दलों ने इस कार्यक्रम का बहिष्कार करने का फैसला किया है। सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) के 18 सदस्यों के अलावा, भाजपा सहित, सात गैर-एनडीए दल इस समारोह में शामिल होंगे।
बसपा, शिरोमणि अकाली दल, जनता दल (सेक्युलर), लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास), वाईएसआर कांग्रेस, बीजद और टीडीपी सात गैर-एनडीए दल हैं जिनके इस कार्यक्रम में उपस्थित होने की उम्मीद है। लोकसभा में 50 सांसदों वाली इन सात पार्टियों की मौजूदगी बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए के लिए बड़ी राहत होगी। उनकी भागीदारी से एनडीए को विपक्ष के इस आरोप को कुंद करने में मदद मिलेगी कि यह सब सरकारी कार्यक्रम है।
भाजपा के अलावा, एनडीए के 18 सदस्यों में शिवसेना, नेशनल पीपुल्स पार्टी, नेशनलिस्ट डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी, सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा, जननायक जनता पार्टी, AIDMK, IMKMK, AJSU, RPI, मिजो नेशनल फ्रंट, तमिल मनीला कांग्रेस, ITFT (त्रिपुरा), बोडो पीपुल्स पार्टी, पट्टाली मक्कल कच्ची, एमजीपी, अपना दल और एजीपी शामिल हैं।।
कांग्रेस, वामपंथी, टीएमसी, सपा और AAP समेत 19 पार्टियां संयुक्त रूप से कार्यक्रम के बहिष्कार की घोषणा करने के लिए एक साथ आई हैं। उन्होंने इस फैसले का भी विरोध किया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भवन का उद्घाटन करेंगे। इन दलों का कहना है कि यह भारत के राष्ट्रपति का अपमान है।
इसके अलावा AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि अगर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला नए संसद भवन का उद्घाटन नहीं करते हैं, तो उनकी पार्टी इस कार्यक्रम में शामिल नहीं होगी।