जर्मनी की वाहन निर्माता कंपनी फॉक्सवैगन को नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने शुक्रवार शाम पांच बजे तक 100 करोड़ रुपये की राशि जमा कराने का निर्देश दिया है। इसके अलावा फॉक्सवैगन को एक हलफनामा देने के लिए भी कहा गया है। इससे पहले एनजीटी की चार सदस्यीय कमेटी ने फॉक्सवैगन पर 171.34 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाने की सिफारिश की थी।

कंपनी पर यह जुर्माना अत्यधिक नाइट्रोजन ऑक्साइड (एनओएक्स) के उत्सर्जन के कारण दिल्ली में वायु प्रदूषण को लेकर स्वास्थ्य को हुए नुकसान को लेकर लगाया गया है। विशेषज्ञ कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में अनुमान लगाया है कि फॉक्सवैगन की कारों ने राजधानी दिल्ली में 2016 में लगभग 48.68 टन एनओएक्स उत्सर्जन किए।

कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि अतिरिक्त एनओएक्स उत्सर्जन के कारण स्वास्थ्य को नुकसान हुआ और दिल्ली को जैसे महानगरों को आधार मानते हुए मूल्य के हिसाब से यह नुकसान करीब 171.34 करोड़ रुपये का है। यह आंकड़ा मोटा-मोटी हो सकता है। इसका कारण देश में पर्यावरण पर नाइट्रोजन ऑक्साइड के कुल प्रभाव के आंकलन के तरीकों का अभाव होना है। इसीलिए केवल स्वास्थ्य नुकसान का आंकलन किया गया है।

नाइट्रोजन ऑक्साइड वायु प्रदूषित करता है और यह हृदय और फेंफड़े की बीमारी का कारण है। चार सदस्यीय कमेटी में एआरएआई (ऑटोमोटिव रिसर्च एसोसिएशन ऑफ इंडिया) की निदेशक रश्मि उर्द्धवर्शी, सीएसआईआर-एनईईआरआई के प्रधान वैज्ञानिक डॉ. नितिन लाभसेतवार, भारी उद्योग मंत्रालय में निदेशक रामाकांत सिंह तथा सीपीसीबी के सदस्य सचिव प्रशांत गरगवा हैं।

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