नोएडा में सोमवार शाम को विरोध प्रदर्शन कर रही भीड़ ने 3 नाइजीरिया नागरिकों के  साथ मारपीट की और उन्हें घायल कर दिया, हालांकि पुलिस ने इस मामले में 6 लोगों को गिरफ्तार किया है लेकिन इस घटना से  नाइजीरिया के नागरिकों में डर की भावना बढ़ गई है।

इस मामले को गंभीरता से लेते हुए विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने ट्वीट कर कहा कि
“मैनें यूपी सरकार से नाइजीरिया स्टूडेंट्स पर हो रहे हमलों की रिपोर्ट मांगी है।“

मंत्री सुषमा स्वराज ने बताया कि “मेरी इस मामले में यूपी के मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी से बातचीत हुई है और उन्होनें भरोसा दिलाया है कि इस मामले की जांच जल्द से जल्द निष्पक्ष रूप से कि जाएगी।“ इस घटना के बाद एसोसिएशन ऑफ़ अफ़्रीकन स्टूडेंट्स इन इंडिया (एएएसआई) ने मामले में बयान देते हुए अपने फेसबुक पेज पर कहा कि हम भारत सरकार के वादों से थक चुके हैं। भारत में गंभीर हो रहे नस्लवाद के मुद्दे को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उठाया जाएगा। बयान के मुताबिक एएएसआई अफ्रीकी यूनियन को भारत से सारे द्विपक्षीय व्यापार बंद करने को कहेगा। ग्रेटर नोएडा की पुलिस के मुताबिक विरोध प्रदर्शन करने वालों की संख्या करीब 25 से 30 थी। भीड़ ने नाइजीरिया के नागरिकों के साथ मारपीट करने के साथ-साथ उनकी गाड़ियों और संपत्ति को भी नुकसान पहुंचाने की कोशिश की। घायल हुए 3 नाइजीरिया के नागरिकों को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया।

नोएडा की पुलिस ने बताया कि एनएसजी सोसाइटी में रहने वाले मनीष नाम के युवक की अचानक से मौत हो गई। मनीष के परिजनो ने सोसाइटी में रहने वाले नाइजीरिया के 5 छात्रों पर आरोप लगाते हुए कहा कि इन छात्रों ने मनीष को ड्रग्स दिऐ थे जिसके कारण उसकी मौत हो गई। नाइजीरिया छात्रों के खिलाफ मनीष के परिजनो ने कैंडल मार्च निकाला था। मार्च निकाल रहे लोगों ने पास के मॉल में मौजूद 3 नाइजीरिया नागरिको के साथ मारपीट की।

पुलिस के मुताबिक मनीष की मौत को लेकर पूछताछ में अभी तक ऐसे कोई भी सबूत नहीं मिले हैं जिससे ये साबित हो सके कि मनीष के नाइजीरिया छात्रों के साथ किसी भी तरह के संबंध थे।

बहरहाल, पुलिस इस मामले की जाँच कर सच्चाई का पता लगाने में जुटी है ।

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