निर्भया के चारों गुनहगारों का डेथ वॉरंट जारी हो चुका है। चारों दोषियों को तीन मार्च को फंदे पर लटका दिया जाएगा। चारों दोषियों में से तीन ने फांसी टालने के लिए सारे कानूनी दांव-पेच आजमा लिए हैं। केवल पवन के पास क्यूरेटिव पिटीशन दायर करने का विकल्प है।

ऐसे में तय माना जा रहा है कि तीन मार्च को सुबह छह बजे चारों दरिंदों को फांसी पर लटका दिया जाएगा। अगर ये चारों फांसी को कुछ दिन टालना चाहते हैं तो इनके पास कानूनी दांव-पेच के अलावा भी विकल्प है।

फांसी के फंदे पर लटकाए जाने से पहले किसी भी दोषी का अच्छे से मेडिकल चेकअप किया जाता है। इस बात का ख्याल रखा जाता है कि फंदे पर लटकने से पहले दोषी पूरी तरह से स्वस्थ्य हो। यहां तक की फांसी के तख्त पर ले जाने से तुरंत पहले दोषी का ब्लड प्रेशर, शरीर का तापमान आदि की जांच की जाती है।

अगर दोषी खुद को चोटिल कर लेते हैं तो उसके स्वस्थ्य होने तक फांसी टल सकती है। साथ वजन कम होने की स्थिति में भी फांसी टल सकती है।

निर्भया के दोषी अच्छे से जानते हैं कि अगर वे खुद को चोटिल कर लेते हैं तो उनकी फांसी कुछ दिनों के लिए टल जाएगी। इसी बात को ध्यान में रखकर दोषी विनय जेल के ग्रिल्स में अपना हाथ फंसाकर फ्रैक्चर करने की भी कोशिश कर चुका है।

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