यादव सिंह, ये नाम तो सबने सुना ही है। धनकुबेर की लिस्ट में शामिल यादव सिंह की राह पर नोएडा अथॉरिटी का इंजीनियर बृजपाल सिंह भी शामिल हो गए हैं। आयकर विभाग की 10  टीम मिलकर नोएडा के सेक्टर 27  स्थित इंजीनियर बृजपाल के घर छापा मारा। बृजपाल चौधरी के ठिकानों पर छापेमारी की तो अरबों की संपत्ति का खुलासा हुआ। छापेमारी की कार्रवाई करीब दस घंटे तक चली। इस दौरान करोड़ों-अरबों की बेनामी और नामी संपत्ति के कागजात सीज किए गए हैं।

आयकर विभाग की टीम बृजपाल चौधरी के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति के मामले में कार्रवाई कर रही है। उसी के चलते आयकर विभाग के 15 अधिकारियों की टीम ने इंजीनियर बृजपाल चौधरी के घर और ठिकानों पर छापे मारी की। हैरानी की बात है कि टीम को पैसों के लेखे-जोखे के लिए मौके पर प्रिंटर मशीन और तमाम साजो-सामान मंगवाने पड़ गए। टीम ने सुबह 7 बजे चौधरी के घर पर छापा मारा था और सिर्फ घर में मौजूद कागजात पैसे और गहनों की पड़ताल में टीम को 10 घंटे से ज्यादा का वक्त लग गया।  बृजपाल के घर, होटलों और फार्म हाउस पर इनकम टैक्स की टीम ने दिन भर छापेमारी की और करोड़ों-अरबों की बेनामी और नामी संपत्ति के कागजात सीज किए।

बृजपाल ने अपनी काली कमाई का काफी पैसा कई दूसरी कंपनियों और होटलों में भी लगा रखा है जिसके कागजात बरामद हुए हैं। 1981 में बतौर जूनियर इंजीनियर नोएडा प्राधिकरण में भर्ती होने के 20 साल तक बृजपाल को कोई प्रमोशन नहीं मिला. लेकिन रिश्वतखोरी और काली कमाई से करोड़पति इंजीनियर होने का प्रमोशन उसे जरूर मिलता रहा। उसके घर के बाहर वीआईपी नंबर की मर्सिडीज कार के अलावा कई हार्ड डिस्क और यूपीएस भी विभाग ने जब्त किए हैं जिनकी जांच चल रही है। उसके घर से कुल मिलाकर 3 लक्जरी गाड़ियां मिली हैं. तीनों के नम्बर 6666 हैं. यूपी के इस घूसखोर इंजीनियर के रसूख और शाही अंदाज के सामने बड़े बड़े नेताओं के ठाठ-बाट भी फेल नजर आते हैं।

आयकर विभाग को छापे के दौरान नोएडा में बृजपाल की करोड़ों की 3 कोठियों का पता चला है साथ ही कई कंपनियों में उसके शेयर की जानकारी भी मिली है। घर में छापेमारी के दौरान बृजपाल का पूरा परिवार घर के अंदर ही मौजूद रहा। बृजपाल ने पूछताछ में नोएडा के सेक्टर 50 और 51 में भी अपनी करोड़ों की कोठी होने का खुलासा किया है। आयकर विभाग की टीम ने वहां पर भी रेड की। इसके अलावा सेक्टर 61 में एक होटल, कई शहरों में फैक्ट्री और नोएडा बुलंदशहर और गाजियाबाद में कई प्लॉट होने की जानकारी भी टीम को मिली है। बृजपाल ने काली कमाई से नोएडा, गाजियाबाद समेत कई जगह फार्म हाउस बना रखे हैं।

आयकर विभाग बृजपाल के बैंक अकाउंट भी खंगाल रहा है. फिलहाल जांच होने तक उसके खाते सीज कर दिए गए हैं। इतना ही नहीं उसकी पत्नी, बच्चों और रिश्तेदारों के बैंक अकाउंट पर भी विभाग की नजर है। बृजपाल ने राजनीतिक रसूख का फायदा उठाकर नोएडा प्राधिकरण में कई लोगों को नौकरी पर रखवाया और करोड़ों कमाए. बृजपाल 3 बार नोएडा इम्पलॉइज एसोसिएशन का अध्यक्ष भी रह चुका है। बृजपाल दिसंबर 2018 को रिटायर होने वाला है। लेकिन इसके पहले ही आयकर विभाग को इसकी अवैध संपत्तियों को पता चला। जिसकी रिपोर्ट शासन को भेजी गई। तब जाकर ये सारी कार्रवाई शुरू की गई।

ब्यूरो रिपोर्ट, एपीएन

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