इस बार का कर्नाटक चुनाव बेहद ही रोमांचक रहा। हर मोड़ पर आए एक नए ट्विस्ट और टर्न ने 2018 के कर्नाटक चुनाव को ऐतिहासिक बना दिया। और अब एक और ऐसी ही घटना होने वाली है जिसके बाद इस चुनाव को हमेशा याद किया जाएगा। उपचुनावों में गठबंधन के बाद भी कभी भी एक मंच साझा न करने वाले अखिलेश यादव और मायावती पहली बार एक ही मंच पर साथ दिखाई देंगे। गौरतलब है कि बुधवार को जेडीएस के नेता एच डी कुमारस्वामी कर्नाटक के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे और इसमें बसपा और सपा दोनों के प्रमुखों को बुलाया गया है और दोनों ने इसमें शामिल होने की रजामंदी दे दी है। बता दें यह पहला मौका है जब बुआ और बबुआ एक साथ एक ही मंच पर साथ दिखाई देंगे।

इन दोनों के इस तरह साथ आने को साल 2019 में होने वाले चुनाव के गठबंधन से जोड़कर देखा जा रहा है। विदित है कि गोरखपुर-फूलपुर उपचुनाव के दौरान सपा-बसपा के गठबंधन ने बीजेपी को करारी शिकस्त दी थी। जिसके बाद अखिलेश यादव ने खुले तौर पर मायावती की तारीफ की थी। नतीजों के बाद अखिलेश खुद उनसे मिलने भी गए थे, वहीं मायावती ने भी कहा था कि सपा-बसपा की ये दोस्ती 2019 के चुनाव में भी देखने को मिल सकती है।

बता दें, कि कुमारस्वामी के शपथ ग्रहण समारोह में विपक्षी पार्टियों के कई बड़े और दिग्गज नेता शामिल होंगे। कुमारस्वामी ने खुद सभी को न्योता भेजा है। सोमवार को वह नई दिल्ली में राहुल गांधी और सोनिया गांधी को भी न्योता देने पहुंचे थे। 23 मई को होने वाले कुमारस्वामी के शपथ ग्रहण समारोह में समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव, राजद के तेजस्वी यादव, कमल हासन, डीएमके के एमके स्टालिन, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, यूपीए चेयरपर्सन सोनिया गांधी, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, आंध्र प्रदेश के सीएम चंद्रबाबू नायडू, तेलंगाना सीएम चंद्रशेखर राव, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, बसपा सुप्रीमो मायावती शामिल हो सकते हैं।

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