पूर्व केन्द्रीय मंत्री और भारतीय जनता पार्टी(भाजपा) के वरिष्ठ नेता कलराज मिश्र ने कहा है कि मंदिर निर्माण के लिये आम सहमति न बनने तथा न्यायालय के फैसले में देरी होने पर सरकार संसद में अध्यादेश ला सकती है। कलराज मिश्र ने शनिवार को यहां बताया कि अयोध्या में रविवार को होने जा रहे धर्मसभा से पार्टी का कोई लेना देना नहीं है। धर्मसभा में जो सुझाव आयेंगे वह उन लोगों की भावना होगी। कोई भी सुझाव आये, वह शांतिप्रिय होना चाहिये।

उन्होने कहा कि अयोध्या में राम मंदिर बनाने के लिये तीन सुझावों पर अमल होना चाहिये। पहला आम सहमती, दूसरा न्यायालय का फैसला तीसरा देरी होने पर सरकार को संसद में अध्यादेश लाकर मंदिर निर्माण का रास्ता साफ कर सकती है। गौरतलब है कि अयोध्या में 25 नवम्बर को विश्व हिदू परिषद (विहिप) के आह्वान पर श्रीराम का भव्य मंदिर बनाने के लिये केद्र की भाजपा सरकार पर दबाव बनाने के लिये धर्मसभा का आयोजन किया जा रहा है। इस धर्मसभा को राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ (आरएसएस), बजरंगदल और शिवसेना का भी समर्थन प्राप्त है।

इस मामले में प्रदेश सरकार के मंत्री जय प्रकाश निषाद का कहना है कि अयोध्या का राम मंदिर देश में ही नहीं पूरी दुनिया के एक वर्ग के आस्था से जुड़ा है। अयोध्या में भव्य राम मंदिर बने यह हम भी चाहते हैं, लेकिन इसमें कुछ बाधायें हैं। मामला देश की शीर्ष अदालत में विचाराधीन है। केन्द्र में हमारी सरकार अयोध्या राम मंदिर बनाने के लिये जल्द ही संसद में अध्यादेश ला सकती है। अयोध्या में 25 नवम्बर को होने जा रहे धर्मसभा के बारे में पूछे जाने पर उन्होने कहा कि राम मंदिर बनाने के लिये आम लोगों का उदगार होगा। जनता चाहती है कि अयोध्या में जल्द भव्य राम मंदिर का निर्माण हो।

                                                                  -साभार, ईएनसी टाईम्स

 

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