मॉनसून सत्र के दूसरे दिन की शुरुआत भारी हंगामे के साथ हुई। पेगासस जासूसी मामले को लेकर विपक्षी दलों ने इतना हंगामा किया कि सदन की कार्यवाही को स्थगित करना पड़ा। इस मुद्दे पर केंद्रीय संचार मंत्री राज्यसभा में बयान पेश करने वाले हैं। मॉनसून सत्र में यह बड़ा मुद्दा बन गया है।

उनके बयान से पहले संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि पेगासस जासूसी मामले से केंद्र सरकार का कोई लेना देना नहीं है। इसके बाद भी यदि विपक्ष इस मुद्दे पर हंगामा करना चाहता है तो कर सकता है।

उन्होंने कहा कि PM ने विपक्ष की धारणा पर चिंता व्यक्त की, लोगों का मुद्दा उठाने की बजाए कांग्रेस सोच रही है कि सत्ता और PM उनका अधिकार है। हम 2 साल से महामारी झेल रहे हैं लेकिन कांग्रेस बहुत गैर-जिम्मेदाराना व्यवहार कर रही है।

गौरतलब है कि पेगासस जासूसी मामले पर सदन में इतना हंगामा हुआ कि केंद्रीय संचार मंत्री अश्विनी वैष्णव को सदन में सफाई पेश करनी पड़ी। उन्होंने कहा कि जासूसी मामले और फोन टैपिंग से बीजेपी सरकार का कोई वास्ता नहीं है। जो रिपोर्ट पेश की गई है उसके तथ्य गुमराह करने वाले हैं।

उन्होंने आगे कहा कि इस तरह के आरोप पहले भी लगाए जा चुके हैं। आरोपों का कोई आधार नहीं है। केंद्रीय संचार मंत्री ने कहा कि एनएसओ इस तरह के आरोप को पहले भी खारिज कर चुका है।

कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा है कि पहले डिस्कसन उसके बाद प्रेजेंटेशन. अगर वे डिस्कसन नहीं चाहते और सभी सांसदों को प्रेजेंटेशन देना है तो सेंट्रल हाल में देंष। अगर कोविड की वजह से आप एक ही जगह नहीं बैठा सकते तो 2 दिन कर सकते हैं या सुबह शाम एक दिन में भी कर सकते हैं।

गौरतलब है कि पेगासस जासूसी मामले को लेकर बीजेपी सरकार चारों तरफ से घिरी हुई है। आरोप है कि सरकार कांग्रेस के बड़े नेताओं समेत देश के पत्रकारों का फोन टैप करा रही है।

इजरायली कंपनी एनएसओ के पेगासस सॉफ्टवेयर से भारत में कथित तौर पर 300 से ज्यादा हस्तियों के फोन हैक किए जाने का मामला बढ़ता ही जा रहा है।

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