Pegasus Spyware Case: केंद्र ने हलफनामा दाखिल करने से किया इंकार, CJI N.V Ramana ने लगाई फटकार

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Supreme Court
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पेगासस जासूसी कांड (Pegasus Spyware Case) को लेकर सोमवार को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में सुनवाई हुई। इस दौरान केंद्र सरकार ने साफ साफ शब्दों में कह दिया कि, हम हलफनामा (Affidavit) दाखिल नहीं करेंगे। केंद्र ने सफाई पेश करते हुए कहा कि, यह राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा मुद्दा है। हम क्या कर रहे हैं, इस पर हलफनामा दाखिल नहीं कर सकते हैं। पेगासस केस की जांच करने के लिए पैनल गठित करेंगे।

Monsoon Session में हुआ था हंगामा

बता दें कि, पेगासस जासूसी कांड को लेकर मॉनूसत्र में काफी हंगामा हुआ था। विपक्ष ने इसकी जांच कराने की मांग की थी। केंद्र जांच के लिए राजी हो गया था लेकिन अभी तक कुछ सामने नहीं आया है कि केंद्र किस तरह से जांच करा रही है।

इसी को लेकर कोर्ट ने पिछली सुनवाई में हलफनामा दाखिल करने के लिए कहा था। उस वक्त केंद्र ने कोर्ट से समय मांगा था। लागातार दो बार समय मांगने के बाद केंद्र ने 13 सितंबर की हुई सुनवाई में साफ मना कर दिया है कि, वे हलफनामा दाखिल नहीं करेंगे। केंद्र ने कहा कि केस की जांज के लिए पैनल का गठन करेंगे।

CJI ने तुषार मेहता को लगाई फटकार

Chief Justice of India N.V Ramana ने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता (Solicitor General Tushar Mehta) को फटकार लगाते हुए कहा कि, हमने आपको हलफनामा दाखिल करने के लिए कहा था आप यहां पर बयान बाजी कर रहे हैं।

इस पर तुषार मेहता ने कहा कि, यह ऐसा मामला नही है कि सबको बताया जाए। हम सरकार से अलग एक कमेटी बनाएंगे। जो इस मामले की सभी पहलुओं पर जांच करेगी।

मेहता ने आगे कहा कि केंद्र सरकार का स्टैंड यह है कि किसी विशेष सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल किया गया था या नहीं, यह एक हलफनामे या अदालत या सार्वजनिक रूप में बहस का विषय नहीं हो सकता। यह राष्ट्र की सुरक्षा से जुड़ा मुद्दा है।

Solicitor General Tushar Mehta ने कहा कि, कमेटी जांच करेगी

तुषार मेहता के बयान के बाद CJI ने कहा कि हम फिर दोहरा रहे हैं कि सुरक्षा या रक्षा से जुड़े मामलों को जानने में हमारी कोई दिलचस्पी नहीं है।

CJI ने कहा कि जैसा कि जस्टिस सूर्यकांत ने कहा कि हमारे सामने पत्रकार, कार्यकर्ता आदि लोगों के स्पाई का आरोप है। हम यह जानना चाहते हैं कि क्या सरकार ने कानून के तहत मान्य के अलावा किसी अन्य तरीके का इस्तेमाल किया है।

सॉलिसिटर जनरल ने कहा कमेटी इसकी जांच करेगी और अपनी रिपोर्ट देगी। उन्होंने कहा कि पेगासस के इस्तेमाल के मुद्दे पर हलफनामा या सार्वजनिक चर्चा का विषय बनाना राष्ट्रीय सुरक्षा या बड़े राष्ट्रीय हित का हित नहीं होगा।

उन्होंने आगे कहा कि अगर कुछ लोग जासूसी का अंदेशा जता रहे हैं तो सरकार इसे गंभीरता से ले रही है। यही वजह है कि हम कमेटी बनाने की बात कह रहे हैं। कमेटी कोर्ट को रिपोर्ट देगी। लेकिन हलफनामा दाखिल नहीं करेंगे।

Kapil Sibbal ने क्या कहा?

तुषार मेहता के एक ही बयान को बार बार दोहराने से CJI ने कहा कि, हम बार-बार कह रहे हैं कि हमें संवेदनशील बातें नहीं जाननी। सिर्फ यही जानना है कि क्या सरकार ने जासूसी की अनुमति दी थी या नहीं?

सुनवाई के दौरान कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने कोर्ट में कहा कि, यह सरकार की जिम्मेदारी है कि वो इस मामले पर अपना जवाब दे।

सिब्बल ने कहा कि स्पाइवेयर पूरी तरह अवैध है। सरकार की यह जिमेदारी है कि नागरिकों की निजता का संरक्षण करें। अगर सरकार ही ऐसा कहती है कि वह इस मामले पर हलफनामा दाखिल नहीं करेगी तो माना जाना चाहिए कि पेगासस का अवैध इस्तेमाल हो रहा है।

सिब्बल ने कहा कि सरकार ऐसे कोर्ट से जानकारी नहीं छुपा सकती। सरकार का ऐसा करना कोर्ट को न्याय करने से रोकना होगा।

सिब्बल ने कहा कि हमारा बस इतना कहना है कि सरकार ये बताए कि पेगासस स्पाइवेयर का इस्तेमाल किया गया है या नही?

सिब्बल ने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय एजेंसियों ने इस तथ्य को माना है कि भारत में भी कुछ लोगों को निशाना बनाया गया था। उनका तो भारत के प्रति कोई पूर्वाग्रह नहीं है। कल जर्मनी ने भी इसे स्वीकार कर लिया। लेकिन भारत सरकार मानने को तैयार नहीं है।

सिब्बल ने कहा कि सरकार ने इस मामले पर कोई खंडन नही किया है। इसका मतलब है कि उन्होंने इसका इस्तेमाल किया है।

बता दें कि, कोर्ट ने फैसले को सुरक्षित रख लिया है। अब इस मामले पर कोर्ट 3 दिन बाद सुनवाई कर सकता है। कोर्ट ने कहा कि, अगर इस दौरान सरकार के रुख में कोई बदलाव आता है या और कुछ कहना चाहती है तो कोर्ट सुनने के लिए तैयार है।

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