देश में सरकार विकास और कोरोना के नाम पर महंगाई को सबसे उंची सत्ता प्रदान कर रही है। पहले पेट्रोल – डीजल के दाम बढ़े फिर एलपीजी सिलेंडर के दाम अब प्लेटफॉर्म टिकटों के दाम पर इजाफा हुआ है। इतना ही नहीं रेल का किराया भी बढ़ा दिया गया है। प्लेटफॉर्म टिकटों पर पांच गुना और तीन गुना इजाफा किया गया है।

कोरोना काल से ठप पड़ी प्लेटफॉर्म टिकटों की खिड़कियां फिर से खुल गई हैं। अब प्लेटफॉर्म टिकट लेने के लिए तीन गुना अधिक भुगतान करना होगा। यानी की पहले 10 रुपए लगते थे अब 30 रुपए लगेंगे। वहीं देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में 5 गुना अधिक इजाफा किया गया है। यहां पर 10 रूपए के बजाए 50 रुपए का भुगतान करना होगा। बता दें कि, दिल्ली में केंद्र सरकार ने प्लेटफॉर्म टिकटों पर तीन गुना अधिक बढ़ोतरी की है। वहीं मुबंई में सेंट्रल रेलवे ने मुंबई मेट्रोपॉलिटन रीजन (MMR) के कुछ प्रमुख स्टेशनों पर पांच गुना अधिक प्लेटफॉर्म टिकटों की कीमत बढ़ा दी है।

लोकल ट्रेन मुंबई की लाइफ लाइन कही जाती है। यहां आम से खास सभी लोग लोकल से सफर करना पसंद करते हैं क्योंकि, ये जल्द और कम समय में व्यक्ति के उसके मंजिल तक पहुंचा देती है। टिकटों का दाम भी लोगों के बजट के हिसाब से था, लेकिन अब मुंबईकर की जेब पर गहरी मार पड़ने वाली है।

रेलवे की ओर से पैसेंजर ट्रेन की जगह एक्सप्रेस ट्रेन की सेवा शुरू की गई है, जिसके किराये में भी बढ़ोतरी हुई है। मुसाफिरों को 10 की जगह 30 रुपये देकर लोकल में सफर करना होगा।

लॉकडाउन के बाद स्पेशल ट्रेनें तो चलनी शुरू हुईं, लेकिन यात्रियों के अलावा किसी और को स्टेशन परिसर में जाने की अनुमति नहीं थी। अब यह अनुमति मिल गई है, लेकिन तीन गुना महंगे प्लेटफॉर्म टिकट के साथ ही एंट्री हो सकेगी।

इसपर रेलवे का कहना है कि, रेलवे ने बढ़ी हुई कीमतों पर सफाई देते हुए कहा कि स्टेशनों पर भीड़ का नियमन और नियंत्रण डीआरएम की जिम्मेदारी है। रेलवे प्रशासन द्वारा यात्रियों की सुरक्षा के लिए और स्टेशनों पर भीड़ को रोकने के लिए यह फैसला लिया गया है। यह एक छोटे अंतराल के लिए है।

गौरतलब है कि, देश में कोरोना के नए मरीजों की संख्या में तेज बढ़ोतरी ने चिंता बढ़ा दी है। करीब दो महीने के अंदर प्रतिदिन मिलने वाले नए मरीजों की संख्या इस कदर बढ़ी कि भारत 17वें स्थान से उछलकर पांचवें स्थान पर पहुंच गया। रोजाना सर्वाधिक मरीज दर्ज करने के लिहाज से केवल चार देश-अमेरिका, ब्राजील, इटली और फ्रांस ही भारत से आगे हैं। 

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