बेसहारा जानवरों की देखभाल के लिए जरूरी कदम उठाएगी पंजाब सरकार, योजना की रूपरेखा तय

Punjab: पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व वाली सरकार बेसहारा जानवरों और आवारा पशुओं के रखरखाव के लिए जरूरी कदम उठाने की दिशा में काम कर रही है।

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Punjab: bhagwant mann government
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Punjab: पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व वाली सरकार बेसहारा जानवरों और आवारा पशुओं के रखरखाव के लिए जरूरी कदम उठाने की दिशा में काम कर रही है। पंजाब के वित्त मंत्री एडवोकेट हरपाल सिंह चीमा और स्थानीय निकाय मंत्री डॉ. इंदरबीर सिंह निज्जर ने आवारा पशुओं के प्रबंधन के मुद्दे से साझा रूप से निपटने के लिए एक अंतर-विभागीय बैठक की अध्यक्षता की।

इसमें मंत्रियों ने आवारा पशुओं का राज्य स्तरीय सर्वेक्षण करावाने, गौशालाओं के लिए नई भूमि का अधिग्रहण करने, गौशालाओं के प्रबंधन के लिए सामाजिक और धार्मिक संगठनों के मजबूती की दिशा में काम करने, आवारा पशुओं के प्रबंधन के लिए ठोस कदम उठाने और ऐसी गतिविधियों के लिए जरूरी धन उपलब्ध कराने जैसे मुद्दों पर विस्तार से चर्चा की ।

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Punjab: सामाजिक संस्थाओं को दी जाएगी आर्थिक मदद

पंजाब भवन में की गई मीटिंग के दौरान वित्त मंत्री एडवोकेट हरपाल सिंह चीमा ने ग्रामीण विकास विभाग को नई गौशालाएं स्थापित करने के लिए उपलब्ध जमीन की शिनाख्त करने को कहा। उन्होंने कहा कि कई धार्मिक और सामाजिक संस्थाएं भी अपने स्तर पर गौशालाओं का संचालन कर रही हैं। उन्होंने कहा कि सरकार की ओर से इन संस्थानों को आर्थिक मदद देने का प्रयास किया जा रहा है ताकि अन्य संस्थान भी इस कार्य के लिए प्रेरित हो सकें।

वित्त मंत्री ने पशुपालन विभाग के अधिकारियों को राज्य में आवारा कुत्तों और मवेशियों का सर्वेक्षण करने को कहा। उन्होंने विभाग को घरेलू पशुओं के सर्वेक्षण और चिप लगाने से जुड़ी कार्य योजना तैयार करने के लिए भी कहा। उन्होंने कहा कि लाचार पशुओं की नसबंदी व टीकाकरण के लिए भी विशेष अभियान चलाए जाने की आवश्यक्ता है।

बुनियादी ढांचे के विकास के लिए कोष बनाने पर विचार

इस बीच, स्थानीय निकाय मंत्री डॉ. इंदरबीर सिंह निज्जर ने स्थानीय निकाय विभाग और ग्रामीण विकास विभाग के बीच एक संयुक्त कार्य योजना की जरूरत पर जोर दिया। उन्होंने कहा, कि शहरी क्षेत्रों में भूमि की कमी के चलते शहरी स्थानीय सरकारें अपने पड़ोसी ग्रामीण पंचायतों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर मिलाकर गौशालाओं के साझा विकास के लिए भूमि खोजने का काम कर सकती हैं।

इसके साथ ही बुनियादी ढांचे के विकास और गौशालाओं की परिचालन लागत को पूरा करने के लिए एक कोष बनाने के सुझाव पर चर्चा की गई। उन्होंने कहा कि इन विभागों के संयुक्त प्रयासों से पशु जन्म नियंत्रण कार्यक्रम के प्रभावी ढंग से लागू करने में मदद मिलेगी।

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