पंजाब (Punjab)के पूर्व मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने गुरुवार को नवजोत सिंह सिद्धू के करीबी परगट सिंह पर निशाना साधते हुए कहा कि बीएसएफ विवाद को लेकर उन पर लगाए गए आरोप “सस्ती लोकप्रियता” के लिए लगाए गए हैं। ऐसे आरोपों पर सिर्फ हंसा जा सकता है। कैप्टन सिंह, जिन्हें पिछले महीने मुख्यमंत्री पद छोड़ना पड़ा था, ने भी नवजोत सिंह सिद्धू पर निशाना साधा। इससे पहले कैप्टन अमरिंदर सिंह ने केंद्र के फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि बीएसएफ की उपस्थिति पंजाब को मजबूत बनाएगी। उन्होंने कहा कि केंद्रीय सशस्त्र बलों को राजनीति में नहीं घसीटा जाना चाहिए।
परगट सिंह ने कैप्टन अमरिंदर सिंह पर निशाना साधा था
इससे पहले पंजाब कांग्रेस के विधायक परगट सिंह ने कैप्टन अमरिंदर सिंह पर निशाना साधते हुए कहा कि पूर्व सीएम बीजेपी से मिले हुए हैं। विधायक ने कहा कि पंजाब के पूर्व सीएम राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू कराना चाहते हैं। विधायक परगट सिंह ने कहा, ‘ मैंने हमेशा कहा है कि कैप्टन सिर्फ बीजेपी के साथ हैं। पहले वह धान खरीद में देरी करने के लिए दिल्ली गए थे और अब यह… यदि आप पंजाब में बीएसएफ की तैनाती कर रहे हैं तो यह राज्यपाल शासन लागू करने के आपके इरादे को दर्शाता है….।’
BSF के अधिकार क्षेत्र में बढ़ोतरी, केंद्र और पंजाब सरकार के बीच विवाद
बता दें कि BSF (बीएसएफ) के अधिकार क्षेत्र में बढ़ोतरी को लेकर केंद्र सरकार और पंजाब सरकार के बीच विवाद की स्थिति उत्पन्न हो गई है। दरअसल मोदी सरकार ने सीमा सुरक्षा के साथ-साथ तस्करी और अन्य आतंकी गतिविधियों पर लगाम लगाने के लिए एक बड़ा फैसला लिया है। गृह मंत्रालय के एक फैसले के मुताबिक पंजाब, पश्चिम बंगाल और असम में राज्य की अंतरराष्ट्रीय सीमा पर तैनात सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के अधिकार क्षेत्र को 15 किलोमीटर से बढ़ाकर 50 किमी कर दिया गया। जिसके बाद से सीमा सुरक्षा बल को बढ़े हुए दायरे में राज्य पुलिस के समान गिरफ्तारी, तलाशी और जब्ती के अधिकार मिल गये हैं।
मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने किया विरोध
लेकिन गृह मंत्रालय के इस फैसले का विरोध राज्य की स्वायत्ता पर केंद्र के हमले के तौर पर देखा जा रहा है। मामले में सबसे पहले अपना विरोध पंजाब की सरकार ने जताया है और अब इस मामले में राजनीति शुरू हो गई है। पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने इसका विरोध करते हुए ट्वीट किया है कि मैं भारत सरकार के एकतरफा फैसले की कड़ी निंदा करता हूं। जिसमें अंतरराष्ट्रीय सीमाओं के साथ-साथ चलने वाले 50 किलोमीटर के दायरे में बीएसएफ को अतिरिक्त शक्तियां देने का फैसला किया गया है, ये राज्यों के अधिकार पर सीधा हमला है। मैं गृहमंत्री अमित शाह से इस फैसले को वापस लेने का आग्रह करता हूं।
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