हाल ही के दिनों में बढ़ती रेल हादसों की संख्या को देखते हुए रेल  मंत्रालय ने विभाग में चली आ रही सीनियर अफसरों के वीआईपी परंपरा पर कैंची लगा दी है। रेल मंत्रालय ने कहा है कि वरिष्ठ अफसरों के घरों और दफ्तरों में घरेलू कामकाज के लिए लगाए गए सभी रेल कर्मियों को तुरंत रिलीव किया जाए और उन्हें जल्द से जल्द फील्ड में ड्यूटी ज्वाइन कराया जाए।

बता दें रेल विभाग के करीब 30 हजार ट्रैकमैन अफसरों के घरों में काम कर रहे हैं, जिन्हें रेल मंत्रालय ने फौरन फील्ड में ड्यूटी ज्वाइन करने का आदेश जारी किया है। इस आदेश के बाद छह से सात हजार ट्रैकमैन ड्यूटी ज्वाइन भी कर चुके हैं।

इसके अलावा जारी प्रोटोकॉल के तहत रेलवे बोर्ड के चेयरमैन और मेंबर्स को भी दौरे के वक्त वीआईपी ट्रीटमेंट नहीं मिलेगा। रेल मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, ‘बहुत विशेष हालात के अलावा किसी को इस नियम से छूट नहीं मिलेगी।’

गौरतलब है कि जब से रेल हादसों की संख्या में इजाफा हुआ है तब से रेल मंत्रालय रेल दुर्घटनाओं को कम करने के लिए एक से एक नियम और फैसले ले रही हैं। हाल ही में रेल मंत्री पीयूष गोयल ने रेल विभाग में 1 लाख भर्तियों का ऐलान किया था। इसके अलावा रेल मंत्री ने रेल दुर्घटनाओं से बचने के लिए ट्रेनों से सभी डिब्बों में सीसीटीवी लगवाने का ऐलान भी किया था।
इसके अलावा रेल मंत्री पीयूष गोयल कह चुके हैं कि रेलवे के अफसरों को आरामदायक सैलून्स (डिब्बों) और एक्जीक्यूटिव क्लास में सफर करना छोड़ देना चाहिए। वे स्लीपर और एसी थर्ड कोच में सफर करें ताकि यात्रियों से घुल-मिल सकें।

रेलवे बोर्ड के चेयरमैन अश्विनी लोहानी ने आदेश दिया है कि कोई भी अधिकारी बुके या गिफ्ट नहीं लेगा। ऑफिस में इस आदेश का सख्ती से पालन करना होगा।

आपको बता दें कि 1981 में जारी सर्कुलर के मुताबिक, अगर रेलवे बोर्ड के चेयरमैन और बाकी मेंबर्स किसी जोन का दौरा करते हैं तो जनरल मैनेजर को प्रोटोकॉल फॉलो करते हुए उन्हें रिसीव करने और छोड़ने के लिए रेलवे स्टेशन-एयरपोर्ट्स जाना पड़ता था।

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