Raj Babbar कांग्रेस को कह सकते हैं अलविदा, समाजवादी पार्टी में हो सकती है वापसी

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Raj Babbar
Raj Babbar

Raj Babbar: कांग्रेस नेता राज बब्बर ( Raj Babbar ) इन दिनों जिस तरह के संकेत दे रहे हैं, इससे कांग्रेस की चिंता बढ़ गयी है। कयास लगाए जा रहे हैं कि राज बब्बर ( Raj Babbar ) देश की सबसे पुरानी पार्टी को अलविदा कह सकते हैं। गौरतलब है कि राज बब्बर के हालिया ट्वीट पार्टी लाइन से अलग हैं और उन्होंने मामले में सफाई देने की भी जहमत नहीं उठाई। ऐसा इसलिए भी कहा जा रहा कि जब कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद को पद्म भूषण पुरस्कार से सम्मानित किए जाने की खबर आई तो बब्बर ने आजाद को बधाई दी।

Raj Babbar ने गुलाम नबी आजाद को दी बधाई

राज बब्बर ने ट्विटर पर लिखा, “बधाई हो गुलाम नबी आजाद साहब! आप एक बड़े भाई की तरह हैं और आपका सार्वजनिक जीवन और गांधीवादी आदर्शों के प्रति प्रतिबद्धता हमेशा प्रेरणा रही है। पद्म भूषण के जरिए राष्ट्र के लिए आपकी पांच दशकों की सेवा को पहचान दी गयी है।”

उन्होंने गुरुवार को ट्वीट किया, “एक पुरस्कार तब अधिक सार्थक हो जाता है जब किसी विपक्षी पार्टी के नेता की उपलब्धियों का सम्मान किया जाता है। मुझे लगता है कि पद्म भूषण पर विवाद अनावश्यक है।”

Raj Babbar indicates soft spot for Mulayam Singh, Uttar Pradesh alliance  for Congress and Samajwadi Party in the works? | India.com
राज बब्बर

इस बीच सूत्रों से जानकारी मिल रही है कि राज बब्बर यूपी चुनाव से पहले अपनी पूर्व पार्टी समाजवादी पार्टी में लौट रहे हैं। बब्बर कथित तौर पर अखिलेश यादव के संपर्क में हैं। मालूम हो कि फिल्म स्टार से नेता बने राज बब्बर ने 1980 के दशक के अंत में जनता दल के साथ राजनीति में शुरुआत की। बाद में वह समाजवादी पार्टी में चले गए। उन्होंने आगरा से 1999 और 2004 का लोकसभा चुनाव जीता। लेकिन 2006 में उन्हें समाजवादी पार्टी से निलंबित कर दिया गया था।

Congress Party
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस।

इसके दो साल बाद, वह कांग्रेस में शामिल हो गए। 2009 में, बब्बर ने फिरोजाबाद से उपचुनाव जीता। लेकिन वह 2014 और 2019 दोनों चुनाव हार गए। हालांकि वह अगले महीने यूपी चुनाव के प्रचार के लिए पार्टी के स्टार प्रचारक बनाए गए हैं।

RPN Singh
RPN Singh

विदित हो कि कांग्रेस पिछले कुछ समय से अपने शीर्ष नेताओं को थामने के लिए संघर्ष कर रही है। इससे पहले ज्योतिरादित्य सिंधिया ने पार्टी छोड़ दी और भाजपा में चले गए। पिछले साल, जितिन प्रसाद ने कांग्रेस-से-भाजपा का रास्ता अपनाया। इस हफ्ते, आरपीएन सिंह ने भाजपा में शामिल होकर यूपी में कांग्रेस को एक बड़ा झटका दिया। तीनों नेता 2004-2009 में केंद्र में मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार में मंत्री थे।

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