पत्रकारों का काम जनता को घटनाओं के बारे में सच बताना होता है और कोई भी पत्रकार यह तभी कर सकता है जब वह खुद सच्चा हो। ऐसे में सच्ची पत्रकारिता पर हमेशा से बहस छिड़ती आई है और कई बार खुद पत्रकार ही इसको लेकर आमने-सामने आ जाते हैं। कुछ ऐसा ही मामला फिर देखने को मिला है। वरिष्ठ पत्रकार राजदीप सरदेसाई ने ट्वीट के जरिए अर्णब गोस्वामी पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं जिससे अर्णब के पत्रकारिता पेशे पर ‘झूठ’ का धब्बा लग सकता है। हालांकि अभी तक अर्णब ने राजदीप के ट्वीट का जवाब नहीं दिया। लेकिन इस ट्वीट के बाद राजदीप ट्रोल जरूर होने लगे।
राजदीप ने अर्णब गोस्वामी का एक वीडियो पोस्ट किया है जिसमें वो किसी मंच पर गुजरात दंगें के बारे में लोगों को बता रहे हैं। उस वीडियों में अर्णब कहते हैं कि – ‘ उस वक्त मैं अपने साथियों के साथ था। अचानक हमारी गाड़ी को रोक दिया गया। हमारे गाड़ियों पर त्रिशुल से हमला होने लगा। वो लोग हमारे धर्म के बारे में जानना चाहते थे। मैं कुछ भी कहता लेकिन उनका सिर्फ एक ही सवाल था कि तुम्हारा धर्म क्या है, तुम्हारा धर्म क्या है। हमारे साथियों ने अपना आईडी कार्ड दिखाया जिससे हमारे धर्म की पुष्टि हुई लेकिन हमारे ड्राइवर के पास आईडी कार्ड नहीं था। वो बहुत डरा हुआ था, आईडी कार्ड न होने पर उसने उन दंगाइयों को अपने हाथ का टैटू दिखाया जिसमें हे राम! जैसा कुछ धार्मिक चीज लिखी हुई थी। इसके बाद उन लोगों ने हमें छोड़ा। वो मंजर, जिंदगीं की वो वास्तविकता थी जिसको देखकर मैं हैरान था।
इस वीडियो पर राजदीप ने लिखा है कि सच यह है कि वह अहमदाबाद में हुए दंगों को कवर कर ही नहीं रहे थे।’ उन्होंने ट्वीट में कहा कि यह घटना सच्ची है लेकिन वहां अर्णब मौजूद नहीं थे। सबूत के तौर पर उन्होंने अपनी 2014 में आई बुक को पढ़ने की नसीहत दी। उन्होंने ये भी लिखा कि गुजरात दंगे पर आधारित ये स्पीच शायद अर्णब ने असम में दी है जब कांग्रेस की सरकार थी। उन्होंने लिखा कि पोस्ट ट्रुथ सोसाइटी में सब चलता है। राजदीप ने आखिरी ट्वीट में अर्णब पर निशाना साधते हुए कहते हैं कि फेंकूगिरी की भी लिमिट होती है। मैं अपने पेशे से शर्मिंदा हूं।
Wow! My friend Arnab claims his car attacked next to CM Res in Guj riots! Truth:he wasn't covering Ahmedabad riots!! https://t.co/xOe7zY8rCp
— Rajdeep Sardesai (@sardesairajdeep) September 19, 2017
Yes, incident which Arnab speaks of did happen. Only he wasn't there, some of us who actually were on ground zero were! (Read my 2014 book)😀
— Rajdeep Sardesai (@sardesairajdeep) September 19, 2017
Am told Arnab speech on Guj riots made to an audience in Assam when Cong in power! Am I surprised? Post truth society mein sab chalta hai!
— Rajdeep Sardesai (@sardesairajdeep) September 19, 2017
Fekugiri has its limits, but seeing this, I feel sorry for my profession. https://t.co/xOe7zY8rCp
— Rajdeep Sardesai (@sardesairajdeep) September 19, 2017
राजदीप ने कुल चार ट्वीट किया है। उनके हर ट्वीट को सैकड़ो से भी ज्यादा बार रिट्वीट किया गया है। साथ ही कई लोगों ने उनको रिप्लाई भी किया है जिसमें कहा गया है कि – तुम भी दूध के धुले नहीं हो, तो कुछ लोगों ने कहा कि- पत्रकारिता का पेशा ही ऐसा हो गया है, कुछ का कहना है कि टीआरपी को लेकर दोनों में आरोप-प्रत्यारोप चलेगा। देखना ये है कि अर्णब गोस्वामी इस बात की पुष्टि कब करते हैं कि कौन सही है और कौन गलत?
आप क्या बोल गए वो भी तो वही काम कर रहा है जो आपलोग अपनी फेवरेट पार्टी के लिए करते हो।
— प्रशान्त गौतम (@grd_prashant) September 19, 2017
"जिन के घर शीशे के होते है वो दूसरों के घरों पार पत्थर नहीं फेंकते" This applies to u, u can claim Arnab is Feku if u have never lied.
— Dhruv (@IMDhruvJaywant) September 19, 2017
look at the pics, this was the recent ground reporting during mumbai floods. so plz dont lecture on any1 before detailed knowledge pic.twitter.com/rBTEyn038c
— Nostradimus (@nostradimus) September 19, 2017