Rakesh Tikait ने भाजपा सरकार को चेताया, कहा- MSP पर कानून बनाने की लड़ाई जारी रहेगी

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Rakesh Tikait
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Rakesh Tikait: भारतीय किसान यूनियन (BKU) के नेता राकेश टिकैत ने शनिवार को कहा कि किसानों की उपज के न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर कानून बनाने की लड़ाई जारी रहेगी। टिकैत ने एक ट्वीट में लिखा कि किसानों के परिवारों ने आंदोलन में अपने 700 से अधिक प्रियजनों को खो दिया है। किसान पिछले साल के इन दिनों को कभी नहीं भूलेंगे। उन्होंने कहा कि एमएसपी किसानों की रीढ़ है और किसान चाहते हैं कि एमएसपी गारंटी कानून खेती का भविष्य बचाए! लड़ाई जारी है, लड़ाई जारी रहेगी।

मोदी सरकार ने किया था समिति गठन करने का वादा

बता दें कि पिछले साल 19 नवंबर को प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने घोषणा की कि केंद्र कृषि कानूनों को निरस्त करने के लिए संसद के शीतकालीन सत्र में आवश्यक विधेयक लाएगा। शीतकालीन सत्र के पहले दिन लोकसभा और राज्यसभा दोनों ने कृषि कानून निरसन विधेयक पारित किया। राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने भी तीन कृषि कानूनों को निरस्त करने की प्रक्रिया को पूरा करने वाले विधेयक को अपनी सहमति दे दी है। प्रधानमंत्री ने यह भी कहा था कि सरकार न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) के नए ढांचे पर काम करने के लिए एक समिति का गठन करेगी।

Rakesh Tikait ने दी आंदोलन की धमकी

भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने एक बार फिर आंदोलन की चेतावनी दी है। उन्होंने कहा कि किसानों और सरकार के बीच हुई समझौते में फसलों के न्यूनमत समर्थन मूल्य (MSP) पर एक कमेटी के गठन की बात थी। लेकिन सरकार ने अब तक इस कमेटी का गठन नहीं किया है। इसके विरोध में किसान 31 जनवरी को धरना देंगे। राकेश टिकैट ने कहा कि 31 जनवरी को पूरे देश में डीएम और एसडीएम के दफ्तर पर किसान धरना देंगे। उन्होंने कहा कि यह धरना सरकार की ओर से एमएसपी पर अबतक कमेटी न बनाने के विरोध में दिया जाएगा।

Rakesh Tikait, UP Election 2022
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राकेश टिकैट ने कहा कि किसानों से समझौते के समय भारत सरकार ने एमएसपी पर कमेटी बनाने की बात कही थी, एमएसपी पर बनने वाली कमेटी को लेकर अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है उन्होंने कहा कि इस समझौते में किसानों पर दर्ज मुकदमे वापस लेने की भी बात थी, लेकिन अभी तक ये मुकदमे वापस नहीं लिए गए हैं। उन्होंने कहा कि हम किसान सरकार को उसकी ओर से किए गए वादे याद दिलाना चाहते हैं, इसी लिए हम एक बार फिर आंदोलन करेंगे।

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