उत्तर प्रदेश के थाना न्यू आगरा में चार साल से बंद पड़ी राम भक्त हनुमान की मूर्ति को एक संगठन ने आजाद कराने की मांग की है। संगठन के लोगों ने हंगामा करते हुए मांग की है कि हनुमान जी को थाने से आजाद किया जाए। दरअसल, थाना न्यू आगरा क्षेत्र में वर्ष 2014 में एक हंगामे की घटना होने के बाद घटनास्थल से हनुमान जी की मूर्ति उठाकर थाने में बंद कर दी थी। चार साल से लगातार मूर्ति थाने के मालखाने में बंद थी।

हनुमान जी को थाने से आज़ाद कराने के लिए संगठन के लोग थानेदार के दफ्तर में भी घुस गए। जहां लोगों और पुलिस में तकरार होती रही। हनुमान जी को थाने से कैसे आज़ाद कराया जा सकता है इसके लिए रणनीति भी बनती रही। कागजी कार्रवाई करने के लिए आवेदन पत्र लिखे गए। संगठन से जुड़े गोविन्द पाराशर ने थानेदार को आवेदन पत्र भी दिखाया। लेकिन थानेदार ने कानूनी कार्रवाई का हवाला देते हुए हनुमान जी को थाने से आज़ाद करने में अपनी असमर्थता जताई और कोई भी बात मानने से इंकार कर दिया

हनुमान जी की मूर्ति पिछले चार साल से थाना न्यू आगरा के मालखाने में बंद है। हालांकि हंगामे के बाद मूर्ति को अब बाहर रख दिया गया है। संगठन की मांग पर मूर्ति की पूजा-अर्चना भी हो रही है। मूर्ति को थाने में बने एक मंदिर में ही जगह दी गई है। लेकिन संगठन से जुड़े लोग इतने पर मानने को तैयार नहीं हैं और मूर्ति को आज़ाद करने की मांग कर रहे हैं।

हनुमान जी की मूर्ति पर पुलिस ने केस से संबंधित धाराएं भी लिख दी हैं। मूर्ति पर धारा 147 बलवा करने की धारा, 153ए माहौल बिगाड़ने की कोशिश करना और अव्यवस्था फैलाने की कोशिश करने की धारा 124 लिखी गई है। कानून के जानकारों का कहना है कि इन धाराओं में 2 साल से लेकर आजीवन कारावास तक की सजा होती है।

मूर्ति को लेकर कोई अन्य घटना न हो जाए या फिर कोई शरारती तत्व मूर्ति को नुकसान न पहुंचा जाए इसके लिए हनुमान जी की सुरक्षा में एक गनमैन तैनात किया गया है। दिन-रात एक गनमैन हनुमान जी की सुरक्षा करता है।

गोविन्द पाराशर का कहना है कि इंस्पेक्टर थाना न्यू आगरा आदित्य कुमार यादव ने कहा है कि हनुमान जी की मूर्ति केस प्रापर्टी है जिसे कोर्ट की अनुमति मिलने के बाद ही रिलीज किया जा सकता है। लेकिन भगवान की मूर्ति थाने में बंद क्यों रहे इस पर कानून के जानकारों से राय ली जा रही है।

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