Ram Manohar Lohia Death Anniversary: जानें क्यों राम मनोहर लोहिया को कहा जाता है ‘गैर कांग्रेसवाद’ का शिल्पकार?

लोहिया का 57 वर्ष की आयु में 12 अक्टूबर 1967 को हुआ था निधन

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Ram Manohar Lohia Death Anniversary: राम मनोहर लोहिया
Ram Manohar Lohia Death Anniversary: राम मनोहर लोहिया

Ram Manohar Lohia Death Anniversary: आज यानी 12 अक्टूबर को समाजवादी नेता राम मनोहर लोहिया की पुण्यतिथि है। पूरा देश उन्हें याद कर रहा है। बता दें कि 23 मार्च 1910 को यूपी के अयोध्या जनपद (अब अम्बेडकर नगर जनपद) के अकबरपुर में जन्मे लोहिया ने देश की आजादी के लिए खासी भूमिका निभाई थी। लोहिया के पिता महात्मा गांधी के अनुयायी थे। जब वे गांधीजी से मिलने जाते थे तब वे बालक राम मनोहर को भी साथ ले जाते थे। इसी कारण गांधी जी के विराट व्यक्तित्व का लोहिया पर गहरा असर भी हुआ। लोहिया को ‘गैर कांग्रेसवाद’ के लिए भी जाना जाता है।

Ram Manohar Lohia Death Anniversary: राम मनोहर लोहिया
Ram Manohar Lohia Death Anniversary: राम मनोहर लोहिया

Ram Manohar Lohia Death Anniversary: विभाजन से खुश नहीं थे लोहिया

राम मनोहर लोहिया देश की आजादी के पहले इसकी स्वतंत्रता के लिए लड़ते रहे। मालूम हो कि जब ‘भारत छोड़ो आंदोलन’ के दौरान गांधी जी व अन्य नेता गिरफ्तार कर लिए गए, तब लोहिया ने भूमिगत रहकर उस आंदोलन को पूरे देश में फैलाया था। बता दें कि आजादी से पूर्व ही कांग्रेस के भीतर उनका सोशलिस्ट ग्रुप था। आजादी के बाद अंग्रेजों से मुक्ति पाने पर वे खुश तो थे, लेकिन विभाजन की कीमत पर पाई गई स्वतंत्रता के कारण वे कांग्रेस से नाराज दिखे। आजादी के बाद लोहिया, नेहरू और नेहरू की कांग्रेस से हमेशा के लिए अलग हो गए।

गैर कांग्रेसवाद के शिल्पकार थे लोहिया

देश में गैर कांग्रेसवाद की अलख जगाने के लिए राम मनोहर लोहिया को शिल्पकार भी कहा जाता है। वे चाहते थे कि दुनियाभर के सोशलिस्ट एकजुट होकर मजबूत मंच बनाए। उन्होंने नेहरू के खिलाफ चुनाव भी लड़ा। तब वे हार गए थे, लेकिन बाद में वे उपचुनाव में जीत कर लोकसभा में पहुंचे। लोहिया के अथक प्रयासों का परिणाम था कि 1967 में कई राज्यों में कांग्रेस की पराजय हुई।

हालांकि केंद्र में कांग्रेस जैसे-तैसे सत्ता पर काबिज हो पायी। लोहिया का 1967 में निधन हो गया, लेकिन उन्होंने गैर कांग्रेसवाद की जो विचारधारा चलायी वह आगे चलकर कामयाब भी हुई। साल 1977 में पहली बार केंद्र में गैर कांग्रेसी सरकारी बनी। लोहिया का मानना था कि अधिक समय तक सत्ता में रहकर कांग्रेस अधिनायकवादी हो गई थी। मालूम हो कि लोहिया के विचार से प्रभावित कई नेताओं ने 1977 के चुनाव में अपनी अहम भूमिका निभाई थी।

Ram Manohar Lohia Death Anniversary: राम मनोहर लोहिया
Ram Manohar Lohia Death Anniversary: राम मनोहर लोहिया

दिल्ली में हुआ निधन

राम मनोहर लोहिया केवल चिन्तक ही नहीं बल्कि एक कर्मवीर भी थे। उन्होने अनेक सामाजिक, सांस्कृतिक एवं राजनैतिक आंदोलनों का नेतृत्व किया। 30 सितम्बर 1967 को उन्हें नई दिल्ली के विलिंग्डन अस्पताल (अब लोहिया अस्पताल) में आपरेशन के लिए भर्ती किया गया। उसी अस्पताल में 57 वर्ष की आयु में 12 अक्टूबर 1967 को उनका निधन हो गया।

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