दिल्ली की केजरीवाल सरकार क्या लेकर आई थी और क्या लेकर जाएगी। वैसे इतना तो पक्का है कि आम आदमी के नाम पर आई थी और आम आदमी के नाम पर ही जा सकती है। जी हां,  विधानसभा सदन पटल पर रखी गई कैग की रिपोर्ट में केजरीवाल सरकार की नाकामियां खुलकर सामने आई हैं। सूत्रों की मानें तो CAG रिपोर्ट में अब तक 50 से ज्यादा ऐसे मामले सामने आए हैं, जहां नियमों को ताक पर रखकर गड़बड़ी को अंजाम दिया गया। सीएजी की रिपोर्ट में यह बताया गया है कि बिहार के चारा घोटाले की तरह दिल्ली में भी बाइक और टैंपो पर अनाज ढोया गया। सीएजी रिपोर्ट में कहा गया है कि एफ़सीआई गोदाम से राशन वितरण केंद्रों पर 1589 क्विंटल राशन की ढुलाई के लिए आठ ऐसी गाड़ियों का इस्तेमाल किया गया, जिनका रजिस्ट्रेशन नंबर बस, टेंपो और स्कूटर-बाइक का था।

हालांकि केजरीवाल सरकार ने मामले में सीबीआई जांच की मांग उठाई है। बता दें कि कैग की रिपोर्ट में कहा गया है कि राशन की दुकानों का लाइसेंस रखने वाले और कई ऐसे परिवारों के पास भी नैशनल फूड सिक्यॉरिटी (एनएफएस) कार्ड हैं, जिनकी हैसियत नौकर रखने की है। गाड़ियों पर कैग ने कहा कि  2016-17 में जिन 207 गाड़ियों को राशन ढुलाई के काम में लाया गया, उनमें 42 के रजिस्ट्रेशन ही नहीं हैं। इसके आधार पर कैग ने अपनी रिपोर्ट में यह शक जताया है कि वास्तव में राशन का वितरण हुआ ही नहीं और अनाज चोरी की आशंका से इनकार नहीं जा सकता है।

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने देर शाम ट्वीट किया कि सीएजी रिपोर्ट में दर्ज हर घोटाले पर कठोर कार्रवाई की जाएगी। रिपोर्ट सामने आने के बाद सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि एलजी ने राशन की डोरस्टेप डिलिवरी प्रपोजल को रिजेक्ट कर दिया है। वहीं दूसरी ओर दिल्ली कांग्रेस के नेता जेपी अग्रवाल ने कहा कि स्कूटर और मोटरसाइकिल पर अनाज की ढुलाई इस बात की ओर इशारा करती है कि अनाज लोगों तक पहुंचा ही नहीं। इस घोटाले की जांच सीबीआई से करायी जानी चाहिए।

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