1984 के सिख दंगों के मामले में कोर्ट के फैसले पर सियासी दंगल शुरू हो गया है। मंगलवार को दिल्ली की एक अदालत ने 34 साल बाद इस मामले में एक शख्स को मौत की सजा सुनाई थी। इस फैसले के बाद अब सियासी बयानबाजी तेज हो गई है। बुधवार को बीजेपी ने इस फैसले का स्वागत करते हुए कांग्रेस पर सवाल दागे।

बीजेपी नेता रविशंकर प्रसाद ने प्रेस कांफ्रेस कर आरोप लगाया कि कांग्रेस ने पिछले 25 सालों में इस मामले पर ठीक से सुनवाई नहीं होने दी थी। बीजेपी ने पूर्व पीएम राजीव गांधी के ‘बरगद बयान’ का जिक्र कर कांग्रेस को आड़े हाथों लिया। उधर, शिरोमणि अकाली दल ने यूपीए चीफ सोनिया गांधी पर निशाना साधा है। पार्टी ने सिख दंगों के लिए सोनिया को साजिशकर्ता के रूप में समन करने की मांग की है।

बीजेपी नेता रविशंकर प्रसाद ने कहा, ‘पिछले 35 साल में कांग्रेस पार्टी द्वारा योजनाबद्ध और सुनियोजित तरीके से इस बात की पूरी कोशिश की गई कि 1984 के नरसंहार के आरोपियों के खिलाफ कोई प्रमाणिक कार्रवाई नहीं हो। कोर्ट के फैसले से सिख नरसंहार के उस जख्म पर मरहम लगा है। इस मामले में न्याय मिले केंद्र सरकार हर प्रकार से सहयोग करेगी।’

प्रसाद ने पूर्व पीएम राजीव गांधी के एक बयान के आधार पर भी कांग्रेस पर हमला बोला। उन्होंने कहा, ‘राजीव गांधी ने अपने भाषण में कहा था कि जब बरगद का पेड़ गिरता है तो धरती हिलती है, कांग्रेस पार्टी ने आज तक उनके इस भाषण से अपने आपको अलग नहीं किया है।’ उन्होंने कहा कि जिनके अपने मारे गए उनको न्याय न मिले, इसकी हर कोशिश की गई। इसका मकसद था अपनों को बचाना।

उन्होंने कहा कि 2015 में गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने सिखों के नरसंहार की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया और आज कुछ सिखों की भावनाओं पर मलहम लगा है। उन्होंने कहा कि हमारा पूरा प्रयास रहेगा कि सिख पीड़ितों को पूरा न्याय मिले।

उन्होंने कहा कि कमलनाथ को पंजाब का प्रभारी बनाया गया था लेकिन लोगों के पुरजोर विरोध के बाद उन्हें एक हफ्ते के भीतर पंजाब के प्रभारी पद से हटा दिया गया था। इसी प्रकार सज्जन कुमार को लोकसभा चुनाव में टिकट नहीं दिया गया। अगर कांग्रेस समझती है कि ये नेता सिख दंगों में कोई भूमिका नहीं निभा रहे थे तो उन्हें उनके पद से क्यों हटा दिया, कांग्रेस को इस बात का जवाब देना चाहिए।

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